वनरक्षक ड्यूटी से गायब, जंगल से हो रही वनों की कटाई

 वनरक्षक ड्यूटी से गायब, जंगल से हो रही वनों की कटाई


बालाघाट। वन परिक्षेत्र पूर्व बैहर सामान्य के मोहगांव सर्किल के लोरा कोसुमटोला बीट कक्ष क्रमांक 1616 वनों की कटाई का सिलसिला जारी है। यहां पदस्थ वनरक्षक दीपक सिंह पिछले चार साल से वनरक्षक निवास पर नहीं आने से हमेशा ताला लटका रहता है और लोग जंगल से कटाई कर साइकिल समेत अन्य जरिए से बेशकीमति लक?ियां चोरी कर रहे है। यदि यही रवैया रहा तो जल्द ही जंगल उजाड़ होने की संभावना बनी हुई है। ग्रामीणों ने जंगल में वनों की कटाई को रोकने वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी को शिकायत कर वनरक्षक पर कार्रवाई कर बीट से हटाए जाने की मांग की है। ऐसा नहीं होने पर आंदोलन करने की चेतावनी दी है।

ग्रामीणों ने बताया कि वन परिक्षेत्र पूर्व बैहर सामान्य के वनरक्षक दीपक सिंह करीब चार साल से लोरा कोसुमटोला बीट में पदस्थ हुए है। इतने साल के भीतर एक बार भी लोरा में बनाए हुए वनरक्षक निवास में नहीं आए। जिससे वनरक्षक निवास में ताला ही लटका रहता है। वनरक्षक दीपक सिंह को गांव के लोग भी नहीं जानते है, इससे लोग ड्यूटी से गायब रहने वाले वनरक्षक का फायदा उठाते हुए बीट में वनों की अवैध कटाई कर लक?ी का व्यापार करने में जुटे हुए है। वनों की कटाई का सिलसिला इसी तरह चलता रहा तो बहुत जल्द ही जंगल का नामों निशान मिट जाएगा। ग्रामीण और ग्राम वन समिति के अध्यक्ष व सदस्य बताते है कि इसके पहले जो भी वनरक्षक पदस्थ रहे है वे ठीक तरीके से मुख्यालय में किराए का कमरा लेकर वनरक्षक निवास में रहकर अपनी ड्यूटी पूरी करते थे और माह में एक बार ग्राम वन समिति की बैठक भी लिया करते थे, लेकिन वर्तमान में जो वनरक्षक पदस्थ है चार साल से अधिक समय होने जा रहा है किसी को भी नहीं दिखाई दे रहा है। ग्राम वन समिति की इतने साल के भीतर एक बार भी बैठक नहीं करवाई है। इतना ही नहीं लोरा कोसुमटोला के अलावा सुजी गांव, नेवरगांव में भी बैठक नहीं हो पाई है। ऐसे में जंगल की कैसे रक्षा होगी एक ब?ा सवाल बनकर रह गया है।

विभाग को गंभीरता से लेने की जरूरत

वनरक्षक ड्यूटी में नहीं रहने से इसके पूर्व कुछ लोगों ने जंगली सूअर का शिकार भी किया था। इतना ही नहीं दो माह पूर्व इस बीट से लगे हुए एरिय में एक तेंदुए का शव मिला था। जिसका शिकारियों ने बंदूक से गोली मारकर तेंदुए का शिकार किया था। यदि ऐसे बीट से वनरक्षक गायब रहेगा तो जंगल से वनों की कटाई होना स्वभाविक है और वन्य प्राणियों का शिकार पर भी अंकुश नहीं लगेगा। इससे स्पष्ट होता है कि वरिष्ठ अधिकारी का वनरक्षक पर कोई दबदबा नहीं है। तभी तो वनरक्षक ड्यूटी करने की बजाए सरकार से हर माह मोटी सैलेरी लेकर शहर में मौज मस्ती करते हुए घूमते फिरते रहता है और जंगल में माफिया कटाई कर अपना व्यापार को मजबूत करने में लगे हुए है। वनरक्षक को हटाने की मांग करने वालों में ग्राम वन समिति के सदस्यों में बीरसिंह मेरावी, राजकुमार मेरावी, लखन पंद्रे, राजू मर्सकोले, रूपसिंह वरक?े, पंचमसिंह परते, दुलमसिंह उइके सहित अन्य शामिल है।

इनका कहना

चार साल से अधिक समय होने जा रहा है वनरक्षक जंगल की देखरेख करने नहीं पहुंचता है। इससे कई लोग जंगल से पे?ों की कटाई कर चोरी कर रहे है। इतना ही नहीं वन्य प्राणियों के संरक्षण को लेकर भी खतरा ब? मंडरा रहा है। वनरक्षक द्वारा ग्राम वन समिति की इतने साल में एक बार भी बैठक नहीं कराई है।

फग्गन सिंह उइके

ग्राम वन समिति अध्यक्ष लोरा कोसुमटोला।

हमें आपके द्वारा संज्ञान में लाया जा रहा है कि मोहगांव सर्किल के लोरा कुसुमटोला बीट में वनरक्षक अपने निवास में तीन साल के भीतर एक भी बार नहीं आया। इसकी जानकारी संबंधित वन परिक्षेत्र अधिकारी से लेकर कार्रवाई की जाएगी।

बृजेश कुमार श्रीवास्तव

डीएफओ उत्तर वन मंडल बालाघाट।

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