मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान को नैतिकता के आधार पर तुरन्त स्तीफा दे देना चाहिये-पूर्व सांसद कंकर मुंजारे

 मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान को नैतिकता के आधार पर तुरन्त स्तीफा दे देना चाहिये-पूर्व सांसद कंकर मुंजारे



बालाघाट। मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की सरकार के द्वारा 2013 के व्यापम घोटाले भ्रष्टाचार पार्ट-1 को 2021 को फिर से एक बार व्यासायिक परीक्षा मंडल (व्यापंम) द्वारा महा घोटाला, भ्रष्टाचार को दोहराया गया। उक्ताशय का आरोप पूर्व सांसद कंकर मुंजारे द्वारा एक पत्रकारवार्ता आयोजित कर लगाया गया। उन्होंने आगे बताया कि  कृषि विकास अधिकारी और ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी भर्ती परीक्षा में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार घोटाला किया गया। -10  एवं 11 फरवरी 2021 की आनलाईन परीक्षा आयोजित की गई थी और 862 परीक्षार्थी का रिजल्ट 17 फरवरी 2021 को जारी किया गया है।

2021 पार्ट-2 व्यापम घोटाले में व्यापम परीक्षा में सभी 10 टॉपर उम्मीदवारों ने एक ही राजकीय कृषि कॉलेज ग्वालियर से ड्ढह्यष् तक की पढ़ाई पूरी की है। उन्हें परीक्षा में भी एक जैसे अंक मिले है इनमें से 9 उम्मीदवार एक जाति के है और सभी एक ही जिला मुरैना के निवासी हैं। आन्सरषीट में भी एक जैसी त्रुटियां है।

एक उम्मीदवार ने 8 वर्ष में डिग्री लिया और 4 बार फेल हुआ है फिर भी गणित में पूरे नंबर मिले हैं  जो बिल्कुल असंभव है। जनरल नॉलेज में भी सभी को एक जैसे अंक मिले हैं। इनका पढ़ाई बेग्राउन्ड बहुत कमजोर रहा हे, टॉपर जैसे नहीं। टॉपर उम्मीदवारों को 200 पूर्णांक में 194-195 प्राप्तांक मिले है। अभी तक इतने प्राप्तांक किसी को कभी नहीं मिले है, हृस्श्वढ्ढञ्ज  निजी कंपनी को परीक्षा आयोजित करने का कोन्ट्रेक्ट दिया था जो 2017 से ही ब्लेक लिस्टेड थी। यूपी में इसी कम्पनी के द्वारा सब इंस्पेक्टर की परीक्षा में घोटाला, भ्रष्टचार किया था। कंपनी का स्टेट हेड कृष्णन द्विवेदी है।

भाजपा की शिवराजसिंह सरकार के रहते ही 2013 में मध्यप्रदेष में व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापम) जिसकी शुरूवात 2006 से हुई थी इसका पूरा खुलासा 2012 में डॉ. जगदीश सागर के पकड़े जाने की बाद हुआ था।

2013 पार्ट- 1 व्यापम घोटाले के अपराधियों ने एक संगठित गिरोह बनाकर सुनियोजित षडय़ंत्र पूर्वक योजना बनाकर व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापम) में लगभग 3000 करोड़ रूपये का महाघोटाला भ्रष्टाचार किया है, जिसका भोपाल में मुख्यमंत्री निवास तक तार जुड़े है, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह पूरी तरह से फेलियर मुख्यमंत्री है। दोनों बार इनके ही मुख्यमंत्री के पद पर रहते हुए व्यापम का महाघोटाला हुआ है, जिसमें अरबों रूपयों का भ्रष्टाचार हुआ है और हजारों गरीब योग्य छात्रों का भविष्य बर्बाद हो गया है, व्यापम घोटाले से संबंधित 50 से अधिक लोगों की संदिग्ध परिस्थियों में मृत्यु हुई है मुख्यमंत्री शिवराजसिंह को 1 मिनट भी पद पर रहने का कोई अधिकार नहीं रह गया है थोड़ी सी भी नैतिकता व ईमानदारी एवं शर्म बची हो तो तत्काल मुख्यमंत्री पद से स्तीफ ा दे देना चाहिए, यदि वे मुख्यमंत्री पद से स्तीफा नहीं देते है तो उन्हें राज्यपाल के द्वारा तुरंत लोकहित में बर्खास्त कर पद से हटा देना चाहिए तथा सम्पूर्ण व्यापम महाघोटाले भ्रष्टाचार की ष्टक्चढ्ढअथवा हृढ्ढ्रसे अतिशीघ्र जांच कराई जाना चाहिये।

कंकर मुंजारे पूर्व सांसद

मो.नं. 9425448088

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