मोदी की आत्ममुग्धता घमंड गुरुर और सिर्फ चुनावो में मग्न रहने के कारण देश की हो रही दुर्दशा- जुगल शर्मा

मोदी की आत्ममुग्धता घमंड गुरुर और सिर्फ चुनावो में मग्न रहने के कारण देश की हो रही दुर्दशा- जुगल शर्मा 

आपदा कुप्रबंधन बताकर पीएम मोदी से इस्तीफे की मांग 


बालाघाट। जिला कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष जुगल शर्मा ने बताया कि आज देश मे कोरोना महामारी से हर तरफ मौत का तांडव  और कोहराम मचा हुआ है! कांग्रेस और देश की जनता देश को इस संक्रमण से बचाने के लिए सहयोग और सेवा कर रही है तो वही मोदी सरकार और भाजपा शासित राज्य सच्चाई को छिपाने और मजबूरों को दबाने धमकाने में लगे हुए है ! देश की आज जो दुर्दशा हो रही है इसकी मुख्य वजह मोदी का तानाशाही रवैया ,आत्ममुग्धता और महामारी के कारण लगातार मरीजो के बढऩे के बावजूद भी चुनाव को मायने देने के कारण हो रही है !कोरोना की दूसरी लहर सुनामी साबित होगी इससे देश की जनता को बचाने के लिए समय रहते सारे पुख्ता इंतजाम करने होंगे इस बात की चेतावनी कांग्रेस ने विपक्ष की भूमिका निभाते हुए मोदी सरकार को पहले ही दे दी थी ! लेकिन पीएम मोदी ने अहंकार वश इसे मजाकिया ढंग से इंकार करते रहे ! आज नतीजा सबके सामने है ! वर्तमान में मोदी सरकार एक परसेप्सन सैट कर रही है कि यह सरकार की नही बल्कि सिस्टम की विफलता का नतीजा है ! अब देश के हालातों को लेकर अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने भी मोदी सरकार और मोदी के कामकाज को लेकर पोल खोलना शुरू कर दिया है ! उक्त वक्तव्य जिला कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष जुगल शर्मा ने व्यक्त करते हुए आगे कहा कि 7 सालों में मोदी सरकार हर मोर्चे पर पूरी  तरह नाकाम रही है ! जिसकी आलोचना के साथ सारी सच्चाई अब विदेशी मीडिया भी बयाँ कर रहा है ! श्री शर्मा ने बताया कि भारत में जो कोरोना की वजह से हालात है उस पर विदेशी मीडिया लगातार लिख रहा है।आस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, चीन, बांग्लादेश से लेकर फ्रांस की मीडिया ने इस हालात के लिए मोदी सरकार की आलोचना की है।अब ऐसी टिप्पणी फ्रांस के अखबार ली मॉण्दे ने किया है। अपने संपादकीय में अखबार ने लिखा है कि भारत की मौजूदा कोविड-त्रासदी के लिए दोषी बातों में कोरोना वायरस की अप्रत्याशिता के अलावा जनता को बहला-फुसला कर रखने वाली सियासत और झूठी हेकड़ी भी शामिल है।अखबार ने अस्पतालों और शमशानों के मंजर का चित्रण करते हुए लिखा है कि कोरोना महामारी गरीब या अमीर किसी को नहीं बख्श रही। मरीजों के बोझ से चरमराते अस्पताल, गेट पर लगी एम्बुलेंसों की कतार और ऑक्सीजन के लिए गिड़गिड़ाते तीमारदार। ये ऐसे दृश्य हैं जो झूठ नहीं बोलते। फरवरी में जिस कोरोना का ग्राफ नीचे जा रहा था, उसकी लाइन अब लंबवत, खड़ी उठ रही है।

अखबार ने लिखा है कि इस हालत के लिए सिर्फ कोरोना वायरस के छलावा को दोषी नहीं माना जा सकता। साफ है कि इसके अन्य कारणों में नरेंद्र मोदी की अदूरदर्शिता, हेकड़ी और जनता को बहला-फुसला कर रखने वाली उनकी सियासत शामिल है। आज नियंत्रण से बाहर दिखती स्थिति में विदेशी मदद की दरकार हो रही है! साल 2020 में भारत में अस्तव्यस्त करने वाले बेहद पीड़ादायी, पंगुकारी लॉकडाउन की घोषणा हुई, करोड़ों प्रवासी मजदूरों को उनके हाल पर छोड़ दिया गया और फिर 2021 की शुरुआत में पीएम नरेन्द्र मोदी ने सुरक्षा में ढिलाई कर दी। मोदी ने स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मशवरे की जगह अपने उग्र, जोशीले राष्ट्रवादी भाषणों को तरजीह दी। झुकाव आत्मप्रवंचना की ओर न कि जनता को बचाने की ओर। इस तरह हालात बद से बदतर हो गए। इस संपादकीय लेख में कुंभ का भी जिक्र है। लिखा गया है कि इस आयोजन ने गंगाजल को संक्रमणकारी बना दिया।

ली मॉण्दे के संपादकीय में पीएम मोदी की बहुप्रचारित वैक्सीन रणनीति की भी कठोर शब्दों में निंदा की गई है। कहा गया है कि मोदी की वैक्सीन नीति महत्वाकांक्षाओं का पोषण करने वाली थी। यह देखा ही नहीं गया कि देश में वैक्सीन उत्पादन की क्षमता कितनी है। फ्रांस के ली मॉण्दे अखबार के अलावा ग्लोबल टाइम्स, इंडिपिंडेंट, गार्जियन आदि ने भी जलती चिताओं के चित्रों के साथ भारत के हालात पर रिपोर्ट छापी हैं। कुछ दिनों पहले ही भारत में कोरोना के हालात के जिम्मेदार कौन है इसको लेकर आस्टे्रलियाई अखबार ने तीखी टिप्पणी की थी। हांलाकि इस पर भारतीय उच्चायोग ने अखबार के संपादक को पत्र भेजकर नसीहत भी देने की कोशिश की थी। विदेशी मीडिया के भी निशाने में आने के बाद मोदी ने देश के सभी कमिश्नर्स और विदेशी दूतावासों की अपनी छवि बचाने के लिए काम पर लगा दिया है ! कोरोना से लडऩे के लिए जहाँ सरकार को युद्ध स्तर पर कार्य करना चाहिए वहाँ अभी भी सरकार भेदभाव ,पूंजीपतियों को फायदा पहुचाने और अपनी धूमिल होती छवि को बचाने को पहली प्राथमिकता दे रही है ! ऐसे प्रधानमंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए लेकिन मोदी बड़ी बेशर्मी से कुर्सी से चिपके हुए है ! कांग्रेस उपाध्यक्ष जुगल शर्मा ने पीएम मोदी से आपदा कुप्रबंधन के तहत इस्तीफा मांगा है !

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