पूर्व पार्षद अमित बैस का अल्प आयु में हृदयाघात से दुखद निधन
बालाघाट।शहर को दिनांक 14 सितंबर को शहर के लोकप्रिय व्यवहारकुशल व विनम्र स्वभाव के व बेबाक यूवा नेता के निधन से बड़ी क्षति हो गई। प्राप्त जानकारी के अनुसार वार्ड नंम्बर 17 के पूर्व पार्षद स्व. अजय सिंह बैस के सुपुत्र और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व. गोकुल सिंह बैस के बड़े भाई के पोते अमित सिंह बैस का 35 वर्ष की अल्पायु में 14 सितंबर को नागपुर में उपचार के दौरान दुखद निधन हो गया। अमित बैस को अचानक सीने में दर्द होने पर एक दिन पूर्व 13 सितंबर को उपचार हेतु ले जाया गया था, चिकित्सक द्वारा अमित की गंभीर स्थिति को देखते हुए तुरंतत नागपुर रेफर करने की सलाह दी गई। नागपुर पहुंचने के उपरांत निजी चिकित्सालय में उपचार के दौरान अमित बैस ने 14 सितंबर को दोपहर में दम तोड़ दिया, जिसके उपरांत अमित बैस की पार्थिव देह को वापस बालाघाट लाया गया। अमित की पार्थिव देह की अंतिम यात्रा सुबह 10 बजे उनके निज निवास चित्रगुप्त नगर से स्थानीय मोक्षधाम की ओर रवाना की गई। जहां शोकाकुल माहौल में उनका अंतिम संस्कार किया गया।
परिवार का सबसे बड़ा सहारा थे अमित
गौरतलब है कि अंमित बैस के परिवार में अमित के पिता स्व. अजय सिंह का कुछ वर्षो पूर्व निधन हो चुका था, तथा परिवार में एक छोटे भाई का स्वास्थ्य खराब रहने के कारण भाई और विधवा मां के अमित ही सबसे बड़े सहारा थे। इन परिस्थतियों में अमित बैस के निधन से अमित की मॉ और छोटे भाई का रो रोकर बुरा हाल है।
बचपन से संघ के प्रति थी आस्था
गौरतलब है कि अमित बैस भाजपा के कट्टर जुझारू कार्यकर्ताओं में ऐ एक था, तथा बाल्यकाल से स्वयंसेवक के रूप में उसे पिता के मार्गदर्शन में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुडऩे की पे्ररणा प्राप्त हुई थी। कम उम्र होने के बावजूद अमित हमेशा सिंद्धातवादी राजीति का पक्षधर रहा तथा विनम्र स्वभाव हमेशा अमित ने बनाए रखा, जबकि राजनीतिक मंच पर जब जब कठोर निर्णय की बारी आई, अमित ने पूरी ताकत से अन्याय का प्रतिकार किया, अपने ठोस स्वभाव के कारण अमित ने कभी गौरीशंकर बिसेन जैसे नेता की गुलामी स्वीकार करने की बजाए टिकट से वंचित कर दिए गए पूर्व सासंद बोधसिंह भगत का खुलकर साथ दिया, और उनके प्रचार में अपनी ताकत झोंक दी थी, और सोशल मीडिया की कमान भी संभाली थी।