श्री पाश्र्वनाथ जिनालय के भव्य नवनिर्माण के लिए 21 शिलाओं के पूजन के साथ हुआ शिलान्यास महोत्सव

 श्री पाश्र्वनाथ जिनालय के भव्य नवनिर्माण के लिए 21 शिलाओं के पूजन के साथ हुआ शिलान्यास महोत्सव




बालाघाट। नगर के मेन रोड पर विगत 100 वर्षो से श्री पाश्र्वनाथ जैन श्वेतांबर मंदिर विद्यामन था जिसके 100 वर्ष पूर्ण होने पर भव्यातिभव्य शिखरबद्ध श्री पाश्र्वनाथ जिनालय नवनिर्माण का भूमिपूजन शुक्रवार 18 फरवरी को शासन प्रशासन मधुरभाषी छत्तीसगढ़ श्रृंगार आचार्य देवेश श्रीजिन पीयूष सागर सूरीश्वर मसा की आज्ञा एवं आशीर्वाद से शुभ मुहुर्त में जिनश्रीजी मसा की विदुषी शिष्या अष्टापद तीर्थ पे्ररिका वर्धमान तप आराधिका जिन शिशु प्रज्ञाश्रीजी मसा आदि ठाणा के पावन निश्रा में किया गया जहां भाग्योदयाजी श्रीजी मसा, संस्कारनिधिजी मसा, बालाघाट गौरव कृपानिधिजी मसा एवं कर्तव्यनिधिीजी मसा की उपस्थिति में किया गया वहीं रविवार को शिलान्यास के साथ तीन दिवसीय महोत्सव सम्पन्न हुआ।

उल्लेखनीय है कि बालाघाट नगर में एक शताब्दी वर्ष प्राचीन श्री पाश्र्वनाथ जिनालय के जीर्णोद्धार के लिए विक्रम संवत 2078 मिगसर बंदी पंचमी 24 नवंबर 2021 के शुभ दिवस पर प्रबल पुयोदय से शासन प्रभावक आचार्य देवेश श्रीजिन पियूष सागर सूरीश्वरजी मसा, मनोहर शिशु प्रशांतमना प्रियंकरा श्रीजी मसा, वर्धमान तप आराधिका जिन शिशु प्रज्ञा श्रीजी मसा आदि सर्व ठाणा 21 की निश्रा में जीर्णोद्धार कार्य का आरंभ किया गया था इसी क्रम में भगवान पाश्र्वनाथ, भगवान शांतिनाथ एवं भगवान चंदा प्रभु की प्रतिमा को श्री जिनकुशल सूरी जैन दादाबाड़ी में विराजित किया गया एवं 1920 में निर्मित इस प्राचीन जिनालय के स्वरूप को समतल कर जिनालय के जीर्णोद्धार का काय्र पुन: 18 फरवरी को भूमिपूजन के साथ प्रारंभ किया गया। 

विधिविधान से शुभमुहुर्त में हुआ शिलान्यास

श्री पाश्र्वनाथ जैन श्वेतांबर मंदिर के शिलान्यास महोत्सव के तहत तीन दिवसीय आयोजन हुए जिसमें 18 फरवरी को भूमिपूजन किया गया जिसके लाभार्थी सेठिया परिवार बने वहीं 19 फरवरी को श्रीजिन कुशल सुरि दादाबाड़ी मंदिर ईतवारी गंज में रात्रि 8 बजे से रायपुर के सुमधुर गायक अंकित लोढ़ा द्वारा प्रभुभकित का सुमधुर का कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया वहीं 20 फरवरी रविवार को श्री पाश्र्वनाथ जैन श्वेताम्बर मंदिर परिसर में विधिकारक अकोलावासी हर्षदभाई शाह द्वारा शिलान्यास का कार्यक्रम विधिविधानपूर्वक सानंद सम्पन्न कराया गया जिसमें रविवार, को प्रात: 7.09 बजे स्नात्रपूजा, 8.18 बजे नवग्रह पूजा एवं दश दिगपाल पूजन, अष्टमंगल पूजन के पश्चात शिलान्यास विधि प्रारंभ की गई और गर्भगृह में स्थापित होने वाली 21 शिलाओं का पूजन किया गया तत्पश्चात सभी शिलाओं का पूजन किया गया तत्पश्चात सभी शिलाओं को शुभमुहुर्त में 10,29 बजे गर्भगृह में स्थापित किया गया। इस अवसर पर मंदिर के निर्माणकर्ता सोमपुरा केतनभाई अहमदाबाद प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

21 लाभार्थियों ने निर्माण हेतु किया शिलापूजन

श्री पाश्र्वनाथ जैन श्वेतांबर मंदिर के निर्माण हेतु भुमिपूजन के बाद शिलापूजन 20 फरवरी रविवार को प्रात: 7.09 बजे स्नात्रपूजा के ससाथ प्रारंभ हुआ जिसमें 8.18 बजे नवग्रह  पूजा एवं 10.29 बजे विधिविधान के साथ शिलान्यास पूजन प्रारंभ हुआ जिसमें मुख्य गर्भगृह की मुख्य शिला रमेश चंद राहुल कुमार राकेश कुमार चौरडिय़ा तथा प्रथम शिला अजय कुमार घीसुलाल लूनिया, द्वितीय शिला कमलेश शुभम चौरडिय़ा, तृतीय शिला ललित कुमार प्रशांत चौरडिय़ा, चतुर्थ शिला श्रीमती सुशीलादेवी विपिन निलेश बोथरा, पंचम शिला हरकचंद राजेश निधिश बैदमुथा, षष्ठम शिला सुरेश कुमार सौरभ बाघरेचा, सप्तम शिला मुकेश कुमार महावीर चौरडिय़ा, अष्टम शिला कपूरचंद जितेन्द्र कोठारी वहीं प्रथम गर्भगृह की मुख्य शिला तुलसीराम नेमीचंद अभयकुमार सेठिया तथा प्रथम शिला महेन्द्र कुमार धीरज सुराना, द्वितीय शिला दिनेश सिद्धांत खजांची, तृतीय शिला यथार्थ निस्वार्थ कोचर, चतुर्थ शिला अनिल सुनील सिंगी इसी तरह दूसरे गर्भगृह की मुख्य शिला विजय कुमार विनोद संचती तथा प्रथम शिला सिद्धकरण अग्रेश कांकरिया, द्वितीय शिला प्रकाशचंद संकेत सुराना, तृतीय शिला खुलाशचंद कपिल कांकरिया, चतुर्थ शिला नरेश कुमार मोतीलाल ज्ञानचंद कोचर, गौतम स्वामीजी की शिला कोमलचंद अशोक कोचर, दादा गुरूदेव की शिला बलवंतचंद कुशल खजांची द्वारा रखी गई एवं इस अवसर पर लाभार्थियों के परिवार के सदस्य भी मौजूद रहे। शिलापूूजन के पश्चात जैन धर्मावलंबियों ने भक्तिभजनों पर नृत्य करते हुए एक-दूसरे को रंग-गुलाल भी लगाया।

श्वेत संगमरमर से बनेगा भव्य जिनालय

श्री पाश्र्वनाथ जैन श्वेताम्बर मंदिर ट्रस्ट के मैनेजिंग ट्रस्टी अजय लुनिया ने बताया कि 18 फरवरी को श्री पाश्र्वनाथ जैन श्वेतांबर मंदिर का भूमिपूजन हुआ था वहीं रविवार 20 फरवरी को विधिविधान के साथ मंदिर का शिलान्यास कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। जिनालय का भव्य निर्माण राजस्थान से आ रहे श्वेत संगमरमर से किया जायेगा जो महानगरों में दिखाई देने वाली नक्काशीदार कलात्मक होगा जिसे आकाश देने वाले भी राजस्थान से आयेंगे और अहमदाबाद के आर्किटेक्ट केतन भाई के मार्गदर्शन में इसका कार्य लगभग 3 वर्ष में पूर्ण होगा। 

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