भूमिपूजन के आठ साल बाद भी नहीं बन सकी बजरंग घाट तक की सड़क
बालाघाट। सैर सपाटे की नियत से बजरंग घाट के सौंदर्यीकरण के लिए बनने वाली सीमेंट कंक्रीट सड़क आठ साल बाद भी नहीं बन पाई है। भूमि पूजन के बाद जिम्मेदारों ने इसकी सुध नहीं ली है। बजरंग घाट सड़क का काम शुरू नहीं हो पाया है। जिससे आम शहरियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। बजरंग घाट शहर के समीप पुण्य सलिला वैनगंगा का प्रसिद्ध तट है। जहां साल भर लोगों का आना जाना बना रहता है। यह शहर का प्रसिद्ध तीर्थ क्षेत्र होने के अलावा तरण स्थल भी है। यहां तैराकी संघ द्वारा नौनिहालों को तैराकी के गुर भी सिखाए जाते हैं। वहीं वन क्षेत्र होने की वजह से लोग यहां रोजना सैर सपाटे के लिए भी पहुंचते है। यहां इको पर्यटन द्वारा नैचुरल पार्क के विकास के प्रयास भी किए गए। लेकिन जिम्मेदारों की लापरवाही उदासीनता के चलते यहां न तो पार्क बन पाया है और न ही सड़क का विकास हुआ है।
60 लाख से बननी थी सड़क:
वैनगंगा नदी के किनारे रेंजर कालेज से बजरंग घाट की ओर जाने वाली सड़क का निर्माण सीमेंट कंक्रीट कर किया जाना था। करीब 60 लाख रुपये की लागत से उक्त सड़क का निर्माण किया जाना था। जिसके लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा भूमिपूजन किया था।
इनका कहना
यहां जो भी निर्माण कार्य होना है वह वनभूमि में है। जिसके चलते बिना वन विभाग की अनुमति के कार्य संभव नहीं है। इस कारण यहां सड़क पक्की सड़क निर्माण नहीं हो पाया है।
सुरजीत सिंह, नगर मंडल अध्यक्ष भाजपा।