गोंदिया-जबलपुर टे्रन न चलना क्या सांसद की नाकामी?
बालाघाट। गोंदिया से जबलपुर ब्रॉडगेज योजना एक बहुउद्दश्यी, बहुजनउपयोगी और बहुप्रतिक्षित थी जिसे पुरा हुए 2 साल होने को आए है परंतु अभी तक ओ टे्रन नहीं दौड़ी जो गोंदिया से जबलपुर तक पहुंची हो जबकि इस ब्रॉडगेज से जुड्ने वाले 2 सांसद भगत सिंह कुलस्ते और राकेश सिंह ने अपने जिलों का संपर्क आपस में करते हुए पेंसेजर टे्रन चलवा दी है इस ब्रॉडगेज योजना से लाभांवित होने वाले सभी जिलो में सत्तारूढ़ भाजपा के सांसद है। 2 सांसद काफी हद तक सफल होते हुए नजर आते है वहीं इस मामले में नाकाम साबित हुए है। जिले की बदकिस्मती है या सांसद की कमजोरी या सांसद की कहीं सुनवाई ना होना? कुल मिलाकर ब्रॉडगेज बन जाने के बाद इसका पुरा लाभ ना मिल पाना कहीं ना कहीं सासंद के प्रयासों में प्रश्रचिन्ह लगती हुई नजर आ रही है।
जबलपुर से चिरईडोंगरी चल रही टे्रन
जबलपुर और मंडला के सांसदों के अथक प्रयासों से चिरईडोंगरी से ब्रॉडगेज टे्रक पर टे्रन चलना शुरू हो चुकी है जिससे जबलपुर, मंडला और सिवनवी के लोग लाभांवित हो रहे है। लेकिन बालाघाट तक टे्रन ना चलना कहीं ना कहीं सांसद की नाकामी को प्रदर्शित करता है। जिसकी वजह से बालाघाट जिले के ग्रामीणों को इसका दंश भोगना पड़ रहा है कि सत्तारूढ़ पार्टी के सांसद होने के बाद भी बालाघाट जिले का विकास तो नहीं हुआ लेकिन ब्रॉडगेज टे्रक पर 2 साल के बाद भी टे्रन शुरू नहीं करवा सके। इससे यह माना जा रहा है कि कहीं ना कहीं सांसद जिले के विकास के मामले में पीछे हटते हुए दिखाई दे रहे है।
बालाघाट कटंगी के बीच टे्रन का झुनझुना
वही दूसरी ओर बालाघाट से कटंगी ब्रॉडगेज लाईन पर टे्रन पूर्व में दौड़ती थी। और आज भी दौड़ रही है इसमें कोई खास देख्ने को नही मिला है लेकिन यदि सांसद के अथक प्रयास होते तो बालाघाट कटंगी ट्रेक पर टे्रन चलवाकर जिलेवासियों को झुनझुना नहीं थमाते यह तय सिद्ध होता कि जब जबलपुर से गोंदिया ब्राडगेज टे्रन चलती।
मायूस और दुखी
बालाघाट वासियों का बड़ा दुर्भाग्य है कि केंद्र में भाजपा सरकार होने के बाद भी सांसद टे्रन चलाने में असमर्थ साबित हुए है क्योंकि सांसद की कही सुनवाई ना होने से जनता मायुस और दुखी है इसलिए जनता को अपने जिले का विकास और टे्रक पर टे्रन शुरू करवाने के लिए अब प्रहलाद पटेल के कार्यकाल को याद कर रही हैं।