दो साल से फरार तत्कालीन एसडीएम अब तक पुलिस गिरफ्त से बाहर

 दो साल से फरार तत्कालीन एसडीएम अब तक पुलिस गिरफ्त से बाहर



बालाघाट। जिम्मेदारी एक ऐसा शब्द है जो कर्तव्य बोध के लिए प्रयुक्त किया जाता है लेकिन पद का फायदा उठाकर स्वस्वार्थ सिद्ध करना वो भी एक प्रशासनिक अधिकारी के द्वारा कतई छोटी मोटी गलती नही मानी जा सकती, यही कारण रहा है ऐसे ही एक मामले में आखिरकार पुलिस को एफआईआर भी दर्ज करनी पड़ी। बालाघाट जिले के लांजी पुलिस थाना अंतर्गत है जहां तत्कालीन एसडीएम आसाराम मेश्राम के खिलाफ विभिन्न धाराओं में अपराध दर्ज कर विवेचना में लिया गया लेकिन अब तक आसाराम मेश्राम पुलिस की गिरफ्त से बाहर है।

यह है मामला

इस बारे में प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्ष 2019 में किरनापुर तहसील अंतर्गत आने वाले पिपलगांव और अन्य ग्रामों के गरीब किसानों की जमीन के दस्तावेजों से छेड़छाड़ करते हुए तत्कालीन एसडीएम आसाराम मेश्राम ने मनमानी करते हुए अपने चिर परिचितों को गरीब किसानों की जमीन के पट्टे जारी कर दिए थे, मामला किसानों को पता चला तो बात बिगड़ गई और आखिरकार पूरा मामला उजागर हुआ तो लांजी पुलिस को ऐसे प्रशासनिक अधिकारी के खिलाफ धारा 420, 465, 467, 468, 471 के तहत अपराधिक प्रकरण दर्ज करना पड़ा।

हाईकोर्ट से भी नही मिली राहत

इस मामले को घटित हुए 02 वर्ष से भी अधिक का समय बीत चुका है लेकिन अब तक आसाराम मेश्राम का कोई सुराग पुलिस के हाथ नही लगा, जानकारों की माने तो इस मामले के आरोपित आसाराम मेश्राम के खिलाफ वारंट भी जारी हो चुका है बावजूद इसके अब तक पुलिस उसे पकड़ नही पाई है। जानकारी तो यह भी सामने आई कि इस मामले में अग्रिम जमानत के लिए हाईकोर्ट में भी गुहार लगाई थी लेकिन हाईकोर्ट ने भी मामले की गंभीरता को देखते हुए जमानत की गुहार को खारिज कर दिया।

सूत्रों के अनुसार मूलत: छिंदवाड़ा जिले के निवासी तत्कालीन एसडीएम आसाराम मेश्राम पहले तहसीलदार थे और बाद में एसडीएम जैसे प्रशासनिक पद पर पहुंचे लेकर अपनी जिम्मेदारी के प्रति ऐसी लापरवाही की गई कि उनके सिर पर गिरफ्तारी की तलवार मंडरा रही है और किसानो से धोखाधड़ी करने वाले ऐसे व्यक्ति को अब तक पुलिस क्यों नही पकड़ पा रही है यह सवाल अनेक संभावनाओं को बल दे रहा है।

इनका कहना है

आसाराम मेश्राम तत्कालीन किरनापुर एसडीएम थे और एसडीएम आशाराम मेश्राम लांजी नगरी निकाय चुनाव के समय चुनाव पर्यवेक्षक बनकर आए थे। यह मामला 2019 से चल रहा है। जो पहले तहसीलदार के पद पर भी पहले किरनापुर में सेवा दे चुके थे। जिन्होंने तहसीलदार रहते हुए कुछ व्यक्तियों को पट्टा जारी कर दिया था। एसडीएम बनने के बाद उन्हें प ता चल कि उनके द्वारा गलत पट्टे जारी कर दिया था। एसडीएम बनने के बाद उन्हें पता चला कि उनके द्वारा गलत पट्टे जारी कर दिए गए है तो उन्होंने उन पट्टो को निरस्त कर दिया। इस मामले को लेकर आशाराम मेश्राम के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज करने के आदेश मिले थे। आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए समय-समय पर छिंदवाड़ा उनके मूल निवास पर टीम गई है। लेकिन नही मिल पा रहा है।

दुगेश आर्मो

लांजी एसडीओपी

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