शराब के महंगे दाम बने परेशानी का कारण, 15 समूह की नहीं हुई प्रक्रिया
बालाघाट। जिले में संचालित शराब के 37 समूह के आवंटन की प्रक्रिया आबकारी विभाग द्वारा की जा रही है, लेकिन विभाग द्वारा तय किए गए शराब समूह के दाम अधिक होने के चलते शराब ठेकेदार इस प्रक्रिया से दूर होते जा रहे है। जिसका नतीजा ये रहा है कि सोमवार को भी होने वाली प्रक्रिया में एक भी ठेकेदार ने अपनी सहमति नहीं दिखाई है। जिससे ये प्रक्रिया शून्य ही रही है।
15 समूह में ठेकेदार नहीं दिखा है रुचि:
जिला आबकारी अधिकारी सुरेंद्र कुमार उरांव ने बताया कि जिले में करीब 160 करोड़ के 15 शराब दुकानों के समूह है जिन्हें खरीदने के लिए ठेकेदार रुचि नहीं दिखा रहे है। वहीं आबकारी विभाग लगातार ठेकेदारों से टेंडर प्रक्रिया में भाग लेने के लिए कहा जा रहा है बावजूद इसके दूसरी बार भी यह प्रक्रिया पूर्ण नहीं हो पा रही है। यह प्रक्रिया पूर्व में पूर्ण न होने के चलते पहले 24 फरवरी को टेंडर प्रक्रिया की गई थी लेकिन यहां पर भी कुछ नहीं होने पर यह प्रक्रिया 28 फरवरी को आयोजित की गई लेकिन आज भी नतीजा शून्य ही रहा है।
इधर सता रहा कार्रवाई का डर:
शराब दुकानों की टेंडर प्रक्रिया बार-बार किए जाने के बाद भी ठेकेदारों द्वारा टेंडर नहीं डाले जाने के चलते जिले के आबकारी विभाग पर भी कार्रवाई का संकट बना हुआ है। उपरी स्तर पर टेंडर प्रक्रिया पूर्ण न होने की स्थिति को आबकारी विभाग की सही कार्रवाई न करने को माना जा रहा है। जिसको लेकर आबकारी विभाग के अधिकारी भी चिंतित नजर आ रहे है।
जिले के 32 समूह में से 17 समूह दो राउंड की प्रक्रिया में आवंटित हो चुकी है बचे 15 समूह के लिए पहले 24 जिसे बढ़ाकर 28 किया गया था इसकी प्रक्रिया को पूर्ण कराने के लिए हमारे द्वारा पूरा प्रयास किया गया यहां तक की बाहर के ठेकेदारों से भी चचां की गई है लेकिन प्रक्रिया में कोई शामिल नहीं हुआ है। इस संबंध ठेकेदारों का कहना है दुकानों के दाम अधिक है।
-सुरेश कुमार उरांव, जिला आबकारी अधिकारी।