ढाई सौ महिलाओं ने शुरू किया सेंटरिंग का काम, सात सौ पुरुषों को दे रहीं रोजगार
बालाघाट। महिलाएं अभी तक किराना दुकान, सिलाई और सब्जी का व्यवसाय कर मप्र राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के जरिए आय के साधन जुटा रही थीं। लेकिन अब भवनों में लगने वाली सेंटरिंग का कार्य शुरू किया है। इस कार्य से वे सात सौ पुरुषों को गांव में ही रोजगार दिलवा रही हैं जिससे महानगरों की ओर होने वाला पलायन भी रुका है। ये काम बालाघाट में परसवाड़ा तहसील के 23 स्व-सहायता समूह की ढाई सौ महिलाओं ने कर दिखाया है। इससे महिलाएं दो माह में ही अच्छी आय प्राप्त करने लगी है और आत्मनिर्भर बन गई है।
महिलाओं ने बताया कि स्व-सहायता समूह से जुड़कर अभी तक सब्जी, किराना दुकान, सिलाई, मछली पालन, आटा चक्की सहित अन्य कार्य कर रही थी और इन कार्य से भी अच्छी आय प्राप्त कर रही थी। लेकिन अब भवनों में लगने वाली सेंटरिंग कार्य चालू किया। इसके लिए 23 गांवों में 23 स्व-सहायता समूह द्वारा पलाई, लोहे और लकड़ी की सेंटरिंग 1 लाख 20 हजार वर्ग फीट सेंटरिंग तैयार किए है। इससे ग्रामों में बनने वाले प्रधानमंत्री आवास के अलावा अन्य निजी भवन के निर्माण में सेंटरिंग का उपयोग किया जा रहा है। जिससे इस कार्य से अच्छी आय मिलने के साथ ही पुरुषों को गांव-गांव में रोजगार उपलब्ध होने के साथ ही समूह को आय प्राप्त हो रही है। पिछले दो माह से यह कार्य चालू हुआ है और प्रति माह डेढ़ से दो लाख आय प्राप्त करने लगी है।
इन गांवों की महिलाएं कर रही कार्य
परसवाड़ा तहसील के ग्राम लिलामेटा, चंदना, खरपडिय़ा, परसवाड़ा, लगमा, राजपुर, खैरलांजी, दीनाटोला, सरेखा, कुमादेही, समनापुर, झिरिया, लिंगा, बिजोरा, कोसमी, झांगुल सहित अन्य गांव शामिल है।
महिलाओं द्वारा भवनों और मकानों में लगने वाली सेंटरिंग से अच्छी आय प्राप्त कर रही है।परसवाड़ा क्षेत्र में 23 गांवों में स्व-सहायता समूह की ढाई सौ महिलाओं द्वारा सात सौ पुरुषों को रोजगार प्रदान कर आत्मनिर्भर बनी हुई है। इसके पूर्व महिलाएं सब्जी सहित अन्य व्यवसाय कर रही थीं। लेकिन इस बार नवाचार करते हुए मकानों व भवनों के निर्माण में लगने वाली सेंटरिंग का कार्य दो माह से चालू किया है। इस कार्य से अच्छी आय जुटाकर महिलाएं आत्मनिर्भर बन गई हैं।
-संदीप चौरसिया, ब्लॉक प्रबंधक, मप्र राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन, जनपद परसवाड़ा बालाघाट।