पूर्व जिला पंचायत सदस्य डाली मम्मा की हत्या के विरोध में बंद रहा बालाघाट
बालाघाट। पूर्व जिला पंचायत सदस्य व बब्बर सेना प्रमुख डाली दमाहे उर्फ डाली मम्मा की हत्या के विरोध में सर्वसमाज का बंद का असर पूरे बालाघाट में देखने को मिला। यहां सुबह से ही बंद को समर्थन देकर प्रतिष्ठान, दुकानें, गुजरी बाजार, इतवारी बाजार मै सन्नाटा पसरा रहा। वहीं जहां सुबह के समय बसों का संचालन शुरु तो हुआ लेकिन विरोध में शामिल हुई भीड़ को देखकर इसे भी बंद कर दिया गया हालांकि कुछ देर तक बसों से आवागमन करने के लिए पहुंचे लोग परेशान होते भी नजर आए फिर अपने नाते रिश्तेदारों को बुलाकर ये लोग वापस अपने घरों को चले गए।
बस स्टैंड छावनी में हुआ तब्दील:
बंद को लेकर स्थानीय बस स्टैंड छावनी में तब्दील हो गया था यहां अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विजय डाबर समेत अन्य पुलिस स्टाफ ने मौके पर पहुंचकर व्यवस्थाओं को संभाला और किसी भी स्थिति से निपटने और लोगों से शांति व्यवस्था को बनाए रखने की बात कही जिसके बाद बसों का संचालन भी बंद करने का कार्य किया गया।
प्रदर्शनकारियों के साथ दिखी पुलिस:
बंद कराने के दौरान प्रदर्शनकारियों और दुकानदारों समेत अन्य लोगों के बीच किसी भी प्रकार की विवाद की स्थिति निर्मित न हो इसके लिए बड़ी संख्या में पुलिस का अमला प्रदर्शनकारियों के आगे और पीछे नजर आया। यहां जहां जहां भी प्रदर्शनकारी बंद कराने के लिए पहुंच रहे थे पुलिस भी उनके साथ चल रही थी। प्रदर्शनकारियों ने भटेरा रोड, बैहर रोड, काली पुतली चौक, आंबेडकर चौक, हनुमान चौक, इतवारी बाजार, गुजरी बाजार मार्ग, जय स्तंभ चौक, बुढी रोड पर पहुंचकर बंद को सफल बनाने लोगों से कहा।
अवंती चौक पर हुई सभा, पुलिस प्रशासन के प्रति जताई नाराजगी:
प्रदर्शनकारियों ने स्थानीय अंवती चौक पर सभा का आयोजन कर पुलिस के विरुद्ध जमकर नाराजगी जाहिर की है। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पूर्व जिला पंचायत सदस्य के हत्यारों को बचाने का प्रयास कर रही है और कोसमी के निर्दोष युवकों के विरुद्ध अपराध दर्ज कर दोहरा रवैया अपना रही है। उन्होंने पुलिस से मांग की कि वे तत्काल ही 150 से 200 लोगों के विरुद्ध दर्ज किए गए अपराध को वापस ले अन्यथा इसे लेकर भी विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।
़ेंव्यापम में आया था डॉक्टर का नाम कैसे मिली नौकरी:
सभा में डाली दमाहे के इलाज में जिला अस्पताल में पदस्थ डयूटी डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि जिस डॉक्टर ने इलाज किया उसने ये लापरवाही की गई उन्हें गंभीर चोट आने के बाद भी सिर्फ चिरा लगा दिया जिससे उनकी हालत अधिक खराब हो गई और उन्हें रेफर करने में भी काफी देरी कर दी गई थी ये जानकारी गोंदिया के डॉक्टरों द्वारा भी दी गई है। उन्होंने उक्त डॉक्टर का नाम व्यापम मामले में भी आया था बावजूद इसके उसका डॉक्टर बन जाना और जिला अस्पताल में पदस्थ होना काफी आशंकाओं का भी जन्म दे रहा है।
खाई कसम जब तक नहीं मिलेगा न्याय रहूंगा नंगे पैर सभा में डाली दमाहे के भांजे हितेश माहूले ने कहा कि डाली मम्मा के हत्यारों को बचाने का पुलिस व स्थानीय प्रशासन व जनप्रतिनिधि बचाने का प्रयास कर रहे है जिसके चलते ही इस मामले में मुख्य लोगों की गिरफ्तारी नहीं हो पा रही है और जांच भी निष्पक्ष नहीं की जा रही है। ऐसी स्थिति में वह न्याय के लिए संघर्ष करता रहेगा और जब तक हत्यारों को सजा और उसे न्याय नहीं मिलेगा वह तब तक नंगे पैर ही रहेगा।
घायलों के बयान क्यों दर्ज नहीं कर रही पुलिस :
बंद के दौरान प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि लगातार समाज व सर्वसमाज के दौरान एकजुटता का परिचय देते हुए घायलों के बयान दर्ज करने और उनके बयान के आधार पर आरोपितों के विरुद्ध कार्रवाई कर गिरफ्तारी करे लेकिन पुलिस पता नहीं क्यों ऐसा नहीं कर रही है।उन्होंने कहा कि जब तक पुलिस घायलों के बयान दर्ज कर कार्रवाई नहीं करती है वे लोग इसी तरह अपना प्रदर्शन करते रहेंंगे।
मांगों का सौंपा ज्ञापन:
दिनभर बंद कराने को लेकर शहर का भ्रमण कर प्रदर्शनकारी स्थानीय आंबेडकर चौक रैली निकालकर पहुंचे जहां पर उन्होंने अपनी मांगों का ज्ञापन अधिकारी को सौंपा है। इस दौरान लोधी महासभा के उम्मेद लिल्हारे, ओबीसी महासभा से सौरभ लोधी, वैनगंगा मजदूर यूनियन से विशाल बिसेन, पूर्व विधायक मधु भगत समेत बडी संख्या में लोग मौजूद रहे।