जिले में रिकॉर्ड रजिस्ट्रियां, खजाने में आया 80 करोड़ का राजस्व

 जिले में रिकॉर्ड रजिस्ट्रियां, खजाने में आया 80 करोड़ का राजस्व



बालाघाट। अपने और परिवार के भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए लोगों का जमीन खरीदने की तरफ रूझान बढ़ा है और ये रूचि कोरोना काल के बाद वित्तीय वर्ष 2021-22 में जिले में भूमि की रिकॉर्ड तोड़ रजिस्ट्रियां हुई है। पिछले साल की तुलना में इस बार सरकार को पंजीयन से दोगुना राजस्व हासिल हुआ है। विभागीय जानकारी के अनुसार, पिछले साल पंजीयन कार्यालय को करीब 46 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ था, जबकि इस वर्ष 2022 तक ये आंकड़ा दोगुना होकर करीब 80 करोड़ तक पहुंच गया। बताया गया  कि ये निर्धारित 60 करोड़ के लक्ष्य से 20 करोड़ ज्यादा है।

40 फीसदी महिलाओं के नाम हुई रजिस्ट्री

वरिष्ठ उप पंजीयक सुधीर डहरिया ने बताया कि कोरोना काल में कार्यालय में कोविड नियमो ंका ध्यान रखकर रजिस्ट्रियां हुई थी। हालांकि कुछ समय कार्यालय बंद होने से पंजीयन नही हो सके थे। शासन द्वारा महिलाओं को पंजीयन शुल्क में 2 फीसदी की छूट का भी असर दिखा है। इस बार करीब 35 से 40 फीसदी महिलाओं के नाम पर रजिस्ट्रियां हुई है, जो घोषणा से पहले की तुलना में अधिक है। घोषणा से पहले 15 से 20 फीसदी ही महिलाओं के नाम पर पंजीयन होते थे। श्री डहरिया ने बताया कि अब महिलाओं के नाम पर रजिस्ट्री कराने वाले परिवारों की संख्या बढ़ रही है।

नई दर से पंजीयन शुरू

विभागीय जानकारी के अनुसार, जिले के सभी दस विकासखंडों में एक अपै्रल से पंजीयन की नई दरें प्रभावशील हो चुकी है, जिस आधार पर पंजीयन किया जा रहा है। शासन द्वारा 10 से 15 फीसदी पंजीयन शुल्क में बढ़ोतरी की गई है। डोंगरिया, मानेगांव, हिरापुर, गर्रा, कायदी सहित अन्य स्थानों में संपत्ति का पंजीयन शुल्क तय प्रतिशत के हिसाब से बढ़ जाएगा।

दक्षिण बैहर क्षेत्र में 5 प्रतिशत की कमी

बताया गया कि जिले का अतिनक्सल प्रभावित क्षेत्र माने जाने वाले बैहर एरिया मेंं जमीन की खरीदी पर पंजीयन शुल्क में 5 फीसदी की कमी की गई है। इसके पीछे वजह यह है कि नक्सल क्षेत्र होने के कारण यहां भूमि की खरीद-बिक्री बहुत कम होती है। शासन द्वारा ऐसे क्षेत्रों में भूमि का क्रय-विक्रय को बढ़ावा देने के लिए यहां पंजीयन शुल्क पांच फीसदी की कमी की गई है।

तीन दिन चला मेंटेनेंस वर्क

हफ्तेभर पहले कलेक्ट्रेट स्थित पंजीयन शाखा में वित्तीय वर्ष के आखिरी दिनों में पंजीयन कराने वालों का हुजूम था। भीड़ बढऩे के कारण प्रदेशस्तर पर सर्वर डाउन होने से कई आवेदकों को खासी परेशानी झेलनी पड़ी थी। श्री डहरिया ने बताया कि अप्रैल में तीन दिन कार्यालय बंद कराकर मेंटेंनेस का कार्य कराया गया था, जिसके बाद सर्वर सहित अन्य तकनीकी खामियों को दूर कर लिया गया है। अब यहां सुगमता से पंजीयन प्रक्रिया की जा रही है।

फैक्ट फाइल

जिलेभर में हर साल अलग-अलग प्रॉपर्टी की औसतन 20 हजार रजिस्ट्रियां होती है।

जिले में बालाघाट कलेक्टे्रट सहित वारासिवनी, बैहर, कटंगी और लांजी पंजीयन होता है।

जिला मुख्यालय होने के कारण सबसे ज्यादा रजिस्ट्री कलेक्टे्रट स्थित शाखा में होती है।

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