राष्ट्रीय स्तर पर माता पांढरी पाठ के जयघोष की गूंज, मशहूर हस्तियां लगाएंगी हाजरी

राष्ट्रीय स्तर पर माता पांढरी पाठ के जयघोष की गूंज, मशहूर हस्तियां लगाएंगी हाजरी



बालाघाट,लांजी। तहसील के वारी ग्राम पंचायत के खराड़ी में स्थित माता पांढरी पाठ 2 अपै्रल शुक्रवार को हजारों श्रद्धालुओं के लिए 111 फीट ऊंची धर्मध्वजा का गवाही स्थल बनेगा, जिसके लिए भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया है, यह कार्यक्रम उमरेड महाराष्ट्र निवासी कैलाश शंकरराव हुड़में और भागेश्वर फेंडर के द्वारा मंदिर पुजारी रेखलाल कावरे और मंदिर संरक्षक डॉ. सुधीर दशरिया के मार्गदर्शन में आयोजित किया जा रहा है, जिसमें देश के प्रख्यात कलाकार और राजनीतिज्ञ भी हिस्सा ले रहे है। इसके अलावा नवरात्रि के 09 दिनों तक तमाम बड़े आयोजन किए जा रहे है जिसमें प्रख्यात कलाकारों द्वारा प्रस्तुतियां दी जाएगी। वही नवरात्र के इन 9 दिनों में प्रतिवषर्वानुसार इस वर्ष भी भक्तों के रहने, खाने आदि का पूरा इंतजाम किया गया है। चैत्र नवरात्र के प्रथम दिन आयोजित विशालकाय धर्मध्वजा शुभारंभ समारोह में कार्यक्रम में संजय जोशी पूर्व राष्ट्रीय संघटक भारतीय जनता पार्टी, वरिष्ठ अभिनेतता शक्ति कपूर, भारतीय पार्शव गायिका कविता पौंडवाल, नेहा कंकड़, अनुराधा पोंडवाल, रूपकुमार के साथ ही मध्यप्रदेश के आयुष मंत्री रामकिशोर नानो कावरे आदि प्रमुख तौर पर मौजूद रहेंगे। इसके अलावा स्थानीय नेताओं में लांजी-किरनापुर विधायक सुश्री हिना कावरे, भाजपा जिलाध्यक्ष व पूर्व विधायक रमेश भटेरे आदि भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे। माता पांढरी पाठ खराड़ी मंदिर आज किसी परिचय का मोहताज नही जो लोग माता के इस मंदिर में अपना माथा, टेकते है उन्हें उनकी मुराद मिल जाती है बस माता के प्रति भक्ति और आस्था हदय से उपजी हो, इस बात की बानगी बहुत ही विशालकाय समारोह के रूप में आज क्षेत्रवासियेां के सामने है, इस आयेाजन से जहां राष्ट्रीय स्तर पर पांढरी पाठ मंदिर का नाम रोशन हो रहा है तो वही लोगों के सामने यह उदाहरण भी माता ने रख दिया कि कैसे अपने व्यापार को खो चुके अपने भक्त को करोड़पति बनाने में कोई कोर कसर बाकी ना रखी गई।

कैलाश हुइमें का संक्षिप्त परिचय

कैलाश शंकरराव हुइमें सीधे, सरल स्वभाव के धीर गंभीर व्यक्ति के धनी है, उन्होंने मिडिया से मुखातिब होते हुए बताया कि वे महाराष्ट्र के उमरेड निवासी है और उनका व्यापार ठप्प पडऩे के बाद वे राजनिती की तरफ मुढ़े, अपने गांव के सरपंच बने और यही नहीं राजनीति में प्रतिष्ठित ओहदे में पहुंचने के बाद भी वे लगातार अपने व्यापार को उठाने के लिए भरसक प्रयास करते रहे लेकिन उनके मित्र रूपकुमार का नाम बताते हुए ह्दय से प्रफुल्लित हो उठे और बताया कि उनके द्वारा वारी के पांढरी पाठखराड़ी मंदिर में माता के दर्शन करने के लिए अनेक बार कहा गया लेकिन जब वे खुद को निरीह महसूस कर रहे थे तो फिर वे माता के मंदिर की लिए निकल पड़े और आखिरकार माता ने उनकी मनोकामना पूण्र करते हुए उनकी खोई हुई संपत्ति, व्यापार लौटाया, जिसके कारण वे अब माता के श्रीचरणों में 111 फीट ऊंची धर्मध्वजा अर्पित कर रहे है और उनके परिवार की माता पांढरी पाठ खराड़ी के प्रति अटूट, अगांध, प्रगाढ़ आस्था निर्मित हो चुक है तो वही वे मंदिर पुजारी रेखलाल कावरे और संरक्षक डॉ.सुधीर दशरिया को भी मनोकामना सिद्धि की महत्वपूर्ण कड़ी मानते है।

बड़े पैमाने पर सुरक्षा के इंतजाम

वारी मंदिर के इस भव्य आयोजना में जहां बॉलीवुड और राजनीति की मशहूर हस्तियां शिरकत करेगी तो वही उनकी सुरक्षा के इंतजाम को देखते हुए बड़े पैमाने पर सुरक्षा इंतजाम किए जा रहे है, मंदिर से लगभग 1 किलोमीटर दूर हैलिपेड बनाया गया है जिसिके लिए संबंधित विभागों से अनुमति ली जा चुकी है तो वही हैलीपेड से आयेाजन स्थल तक अतिथियों के आगमन हेतु तथा भीड़ को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था के सारे कड़े इंतजाम कर लिए गए है तो वही इस बारे में स्थानीय प्रशासन भी काफी सर्तकता बरत रहा है। इसके अलावा कार्यक्रम के लिए जो डोम बनाया गया है उसमें मंच के अलावा वीआईपी और मिडिया के लिए अलग से स्थान आरक्षित किया गया है जहां सिर्फ पासधारी लोग की प्रवेश कर पाएंगे जबकि अन्य सभी भक्तों के लिए भी बहुत बड़ा स्थान बनाया गया है।

हजारो लोग बनेगे धर्मध्वजा के गवाह

चैत्र नवरात्रि का पहले दिन जहां सुबह से ही भक्तों द्वारा वारी के पांढरीपाठ माता मंदिर में प्रतिवर्ष हजारों की संख्या में पहुंचकर माता रानी का आशीर्वाद लिया जाता रहा है तो वही इस वर्ष नवरात्रि के पहले दिन 2 अपै्रल को जिस प्रकार से भव्य कार्यक्रम का आयेाजन किया गया है संभावना है कि 1 लाख से भी अधिक भक्तगण आदि मातारानी के इस दरबार में आयेाजित कार्यक्रम के गवाह बनेंगे। युवा वर्ग जहां बालीवुड के प्रति आकर्षित है तो वही एक बड़ा वर्ग राजनीति और धर्म के प्रति आकर्षित होकर वारी पहुंचेगा ऐसे में धर्म, राजनीति और सिनेजगत के इस विशाल समागम में 1 लाख से भी अधिक लोगों के पहुंचने के कयास लगाए जा रहे है।

मंदिर विशेष

वारी जलाशय के तट पर स्थित माता पांढरीपाठ मंदिर आज भक्तो के लिए एक तीर्थ बन चुका है, वहां मोजूद वारी डेम जलाशय कुछ इस तरह प्रतीत होता है मानो वहां माता पांढरी पाठ के चरण पग पखरते हुए वह खुद को धन्य मान रहा हो। तो वही प्रकृति की अविस्मरणीय सुंदरता के साथ इस जलाशय का संगम सुंदरता में चार चांद ला देता है। मंदिर में पशुओ के प्रति पे्रम, भक्तो को मिलने वाला प्रसादी और नि:शुल्क भोजन, पक्षियों का कलस्य और भक्तों के निवास हेतु प्रबंधन सब कुछ इतने बेहतरीन तरीके से किया गया है कि एक बार मंदिर आने वाले इसे ताउम्र नही भुला पाता। आज विशालकाय, भव्यता को स्वयं में समेटे वह मंदिर प्रथम सिढ़ी से ही धार्मिकता का आनंद अनुभव कराता है, मंदिर पहुंचने से पूर्व मंदिर की रक्षा करते भैरवनाथ, बजरंगबली के दर्शन करते हुए माता तुलसी के मंदिर द्वार के पास दर्शन होते है जिसके बाद माता पांढरी पाठ के दर्शन ह्दय के भीतर तक भक्तिमय वातावरण को झंकृत करते है, माता के इस रूप के दर्शन करने प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धांलु यहां पहुंचते है और इन भक्तो की मनोकामना पूर्ति का जरिया बनते है वहां के पुजारी रेखलाल कावरे और संरक्षक डॉ सुधीर दशरिया, वारी ग्राम के लोग और सत्या पांचे, लीलाराम मानकर जैसे अनेक माता के सेवकगण।

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