रेडियोलाजिस्ट नहीं होने से ट्रेनी चिकित्सक कर रहे सोनोग्राफी
बालाघाट। प्रसूता महिलाओं व अन्य मरीजों के लिए शहीद भगतसिंह जिला अस्पताल में सोनोग्राफी का संचालन किया जा रहा है। लेकिन यह सोनोग्राफी भी विशेषज्ञ चिकित्सक के अभाव में महज कुछ माह की ट्रेनिंग करने वाले चिकित्सक ही कर रहे हैं। विशेषज्ञ न होने से सोनोग्राफी कराने आने वाली महिलाओं का दस से 15 दिनों का लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। वहीं पुरुषों की सोनोग्राफी तो हो ही नहीं पा रही है। ऐसी स्थिति में अतिआवश्यक होने पर लोग मजबूरी के कारण प्राइवेट संस्थानों में जाकर 1400 रुपये लेकर 2000 हजार रुपये खर्च कर सोनोग्राफी करा रहे हैं।
रोजाना ओपीडी 70 से अधिक सोनोग्राफी महज 20 :
बिना रेडियोलॉजिस्ट के शहीद भगतसिंह जिला अस्पताल के गायनिक वार्ड में सोनोग्राफी का संचालन किया जा रहा है, जहां पदस्थ चिकित्सकों को सोनोग्राफी के संचालन के लिए ट्रेनिंग दी गई है, जो अपनी सुविधा अनुसार सोनोग्राफी करते हैं। ऐसे में एक दिन में महज 20 से 22 महिलाओं की ही सोनोग्राफी हो पाती है और बचे हुए मरीजों को दस से 15 दिन का समय दिया जाता है, जो अवधि पूर्ण होने पर पहुंचते तो हैं, लेकिन सोनोग्राफी के इंतजार में दिन गुजाकर परेशान होते हैं और अधिक दर्द होने की स्थिति में प्राइवेट सेंटर में जाने मजबूर हो जाते हैं। बता दें कि ट्रामा सेंटर में पूरे जिलेभर से 70 से अधिक प्रसूता समेत अन्य महिलाओं की ओपीडी की पर्ची बनाई जाती है और चेकअप किया जाता है।
बहू के पेट में दर्द, कुछ हो गया तो कौन होगा जिम्मेदार
धनसुआं से अपनी बहू को सोनोग्राफी कराने के लिए अस्पताल पहुंची रमाताई ने बताया कि उसके बहू के पेट में दर्द है और पांच माह का समय हो चुका है पिछले बार एक तारीख को अस्पताल आए थे लेकिन सोनोग्राफी करने के बजाय दर्द की दवा देकर आज 10 मई का समय दिया गया था और सुबह से आने के बाद भी अब तक सोनोग्राफी नहीं हो पाई है, जिससे पता नहीं चल पा रहा है कि बहू की क्या स्थिति है। उन्होंने बताया कि उनकी आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं है कि बाहर निजी अस्पताल से सोनोग्राफी करा सकें। ऐसे में गर्भवती और उसके गर्भ में पल रहे बच्चे को कुछ हो जाएगा तो इसकी जिम्मेदारी कोन उठाएगा।
कटंगी से पहुंचे सोनोग्राफी कराने
कटंगी से अपनी पत्नी को लेकर सोनोग्राफी कराने पहुंचे पति दीपक देशमुख ने बताया कि पत्नी को सोनोग्राफी कराने की अति आवश्यक है, जिसके चलते वह कल भी पत्नी को लेकर अस्पताल आया था लेकिन सोनोग्राफी न होने के कारण आज भी सुबह से नंबर लगाकर बैठे हुए हैं, लेकिन उनका नंबर नहीं आया है और डॉक्टर भी नहीं पहुंची हैं। उन्होंने बताया कि करीब किलोमीटर की दूरी तय कर पहुंचे हैं और उपचार के लिए परेशान हो रहे हैं। ऐसे में सरकार के संपूर्ण स्वास्थ्य उपचार का दावा भी महज दिखावा ही नजर आ रहा है और मरीज व उसके परिजन सिर्फ परेशान हो रहे हैं। ऐसी ही समस्या सोनोग्राफी केंद्र में पहुंचे अन्य प्रसूताओं व अन्य मरीजों ने बताई है।
ये बात पूरी तरह से सही है कि सोनोग्राफी के लिए जरूरतमंदों को परेशान होना पड़ रहा है। महिला चिकित्सकों को ट्रेनिंग देने की वजह से वे महिलाओं की सोनोग्राफी तो कर रही हैं, लेकिन पुरुष चिकित्सक विशेषज्ञ न होने के कारण पुरुषों की सोनोग्राफी नहीं हो पा रही है। ये समस्या रेडियोलाजिस्ट न होने के कारण उत्पन्न हुई है। शासन स्तर पर भी रेडियोलाजिस्ट की नियुक्ति के लिए प्रस्ताव भेजा जा चुका है। एक भी रेडियोलाजिस्ट की नियुक्ति हो जाए तो काफी हद तक समस्या का समाधान हो सकता है।
-डा. संजय धबडग़ांव, सिविल सर्जन, शहीद भगतसिंह जिला अस्पताल।