गर्मी में आइस्क्रीम का जायका बिगाड़ रहा सेहत
बालाघाट। शादियों का सीजन और गर्मी की मार ठंडाई के शौकीन के लिए मौज की बहार लेकर आई है। लेकिन गर्मी में ठंडी आइस्क्रीम और बर्फ के गोलों का स्वाद सेहत बिगाड़ रहा है। चिकित्सक भी यह मान रहे हैं कि दूषित खानपान से ज्यादा आइस्क्रीम और बर्फ के सेवन से लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है।इसका बच्चों पर ज्यादा असर हो रहा है।यहां चिकित्सक स्वजनों को सतर्कता बरतने की सलाह दे रहे हैं,वहीं बच्चों की जिद सामने हारकर बाजार का रुख कर रहे लोगों को इलाज कराने में पसीना छूट रहा है।
शिशु रोग विशेषज्ञ डाक्टर आशीष गिरी की मानें तो गर्मी से राहत पाने के लिए बच्चे ही नहीं बड़े भी ठंड पेय ही पसंद करते हैं।ठंडा लेना जरूरी है,लेकिन बर्फ और आइस्क्रीम इनसे परहेज भी करना जरूरी है।बच्चों को तो फिर इनसे बचाना चाहिए।गर्मी में उनके लिए ठंडा गरम सेहत पर बुरा असर डालता है।बच्चों में इसके दुष्प्रभाव पड़ रहे हैं।जिससे बच्चों में उल्टी-दस्त के साथ सर्दी-जुखाम और लू-लगने की शिकायत बड़ी है।इससे बचाव के तरीके अपनाके ही बच्चों को इनसे बचाया जा सकता है।
डाक्टर बीएम शरणागत की मानें तो गर्मी में लोगों को प्यास ज्यादा लगती है।घर से बाहर जो मिलता है,वही पी लेते हैं।ज्यादातर दूषित पानी का सेवन करने से बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं।बर्फ किस पानी से बना है,उसके बारे में कोई नहीं जानता,दूषित पानी से बना है,तो निश्चित ही सेहत बिगाड़ेगा।आइस्क्रीम में उपयोग की जाने वाली साम्रगी शुद्धता का कोई प्रमाण नहीं होता है।जिसके चलते इसका सेवन भी लोगो को अपनी तासीर और सेहत देखकर ही करना चाहिए।घर से बाहर दूषित खान-पान से सेहत पर बुरा असर पड़ता है।
विभाग जुटा रहा सैंपल
खाद्य औषधी विभाग ने भी इसकी जांच करना शुरू कर दिया है। खाद्य औषधी निरीक्षक वाजिद मोहिव की बताते हैं कि शहर में गर्मी बढऩे के साथ ही आइस्क्रीम के ठेले तेजी से बड़े हैं। मटका कुल्फी के शहर में 100 से अधिक ठेले लगे हैं। एक-एक चौराहे में चार से छह ठेले लगे हैं।गर्मी में आइस्क्रीम की मांग अधिक होती है।लेकिन इनकी शुद्धता की जांच का इनके पास कोई पैमाना नहीं होता है।इसकी जांच के लिए सैंपल लिए जा रहे हैं। आइस्क्रीम और शेक के सैंपल लिए जा रहे हैं।जिन्हें जांच के लिए भेजा जा रहा है।