भगवान विष्णु के अवतार थे भगवान परशुराम- पं. राजेश पाठक
ब्राम्हण समाज ने प्रस्तावित परशुराम द्धार, चौक का किया भूमिपूजन
बालाघाट। बैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 3 मई को सर्व ब्राम्हण समाज द्वारा भगवान परशुराम जयंती धार्मिक माहौल में मनाई गई। सर्व ब्राम्हण समाज द्वारा नगर के त्रिपुर सुंदरी मंदिर में भगवान परशुराम का विधि-विधान से पूजन किया गया। जिसके बाद त्रिपुर सुंदरी मंदिर के पास ही भगवान परशुराम द्वार और चौक का भूमिपूजन किया गया।
इस अवसर पर समाज के अध्यक्ष पं. राजेश पाठक ने कहा कि भगवान परशुराम भगवान विष्णु के छटवेें अवतार थे। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान विष्णु ने परशुराम के रूप में अपना 6 वां अवतार लिया था। इसी वजह से इस दिन अक्षय तृतीया के साथ परशुराम जयंती भी मनाई जाती है। उन्होंने कहा कि भगवान परशुराम का जन्म भले ही ब्राह्मण कुल में हुआ हो लेकिन उनके गुण क्षत्रियों की तरह थे। ऋषि जमदग्नि और माता रेणुका के पांच पुत्रों में से चौथे पुत्र परशुराम थे, जो भगवान भोलेनाथ के परम भक्त थे।
पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान विष्णु के अवतार परशुराम का जन्म धरती पर हो रहे अन्याय, अधर्म और पाप कर्मों का विनाश करने के लिए हुआ था। वे भगवान शिव की कठोर साधना करते थे। जिसके बाद भगवान भोले ने प्रसन्न होकर उन्हें कई अस्त्र-शस्त्र प्रदान किए थे। जिसमें मिला परशु भी एक था जो उनका मुख्य हथियार था। उन्होंने परशु धारण किया था। इसलिए उनका नाम परशुराम पड़ गया। समाज के अध्यक्ष राजेश पाठक ने बताया कि कोरोना के दो साल बाद इस वर्ष 8 अप्रैल को नगर में भव्य रूप से भगवान परशुराम की शोभायात्रा निकाली जाएगी। जिसमें मुख्यालय सहित पूरे जिले और जबलपुर, रीवा, बुदेलखंड, मंडला, सिवनी सहित अन्य क्षेत्र से सामाजिक बंधु शामिल होंगे।
ये रहे उपस्थित:
सर्व ब्राम्हण समाज के जिला अध्यक्ष राजेश पाठक,उपाध्यक्ष पंडित अजय नारायण तिवारी,बालकृष्ण द्विवेदी, सचिव आदित्य पंडित, प्रवक्ता श्रवण कुमार, प्रवक्ता डाक्टर धर्मेंद्र शर्मा, मुकेश तिवारी, अनुराग झा,पवन पाठक, जाबी मिश्रा, अभितोष शुक्ला, मिंटू मिश्रा, अशोक दुबे, अनुज तिवारी, मनोज ज्योतिषी, डाक्टर प्रवीण ज्योतिषी, नंद किशोर दुबे, विनोद शर्मा, अशोक मिश्रा, सुधीर पांडे,राजेश बाजपेयी, अविनाश शुक्ला, संतोष पांडे, रौनक तिवारी, सुधांशु तिवारी, मोनू पांडे, नन्हा तिवारी, श्रेयांश शुक्ला समेत ब?ी संख्या ब्राम्हण समाज के पदाधिकारी सदस्य मौजूद रहे।