एसडीएम भी अपनी बातों से पलटी बोली अनुमति लेनी होगी
कटंगी। नगर के बड़े तालाब के गहरीकरण एवं सौंदर्यीकरण कार्य के लिए पूर्व विधायक केडी देशमुख ने वर्ष 2018 में राज्य सरकार से नगर परिषद कटंगी को दो करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत करवाई है। लेकिन नगर परिषद और जनप्रतिनिधि इस तालाब का कायाकल्प नहीं करवा पाए।जिसके चलते जहां तालाब में अतिक्रमण बढ़ता गया। वहीं गहरीकरण नहीं होने की वजह से शहर का जलस्तर भी कमजोर होता गया। नतीजा शहर में पेयजल संकट जैसी समस्या बीते कुछ सालों में देखने को मिली। प्रशासन की इस लापरवाही से तंग आकर बीते दिनों मध्यप्रदेश श्रमजीवी पत्रकार संघ ने जनसहयोग श्रमदान के माध्यम से तालाब की सफाई एवं गहरीकरण करवाने का बीड़ा उठाया ।जिसके चलते 23 अप्रैल को बकायदा नगर परिषद कार्यालय के सभागार में सभी राजनीतिक, धार्मिक एवं सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों तथा शहर के जागरूक नागरकिों को आमंत्रित किया गया। जिसके चलते बड़ी संख्या में सभी लोग बैठक में पहुंचे।इनके अलावा पूर्व विधायक केडी देशमुख,एसडीएम कामिनी ठाकुर, मुख्य नगर पालिका अधिकारी भरत गजबे भी मौजूद रहे। बैठक में सभी ने इस पहल का स्वागत करते हुए श्रमदान में सहयोग करने का आश्वासन दिया।1 मई अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस पर तालाब की सफाई का काम शुरू हुआ। जिसमें पूर्व विधायक केडी देशमुख स्वयं पहुंचे और सफाई कार्य में सहयोग प्रदान किया।
बैठक में सहयोग का भरोसा दिया अब मुकरी एसडीएम:
जनसहयोग से तालाब के सौंदर्यीकरण के लिए आहुत बैठक में जहां पूर्व विधायक केडी देशमुख ने नगर परिषद के कर्मचारियों से स्वीकृत राशि दो करोड़ रुपए का हिसाब मांगा तो नगर परिषद के कर्मचारी केवल गुमराह करते नजर आए। वहीं सीएमओ ने भरोसा दिया था कि शीघ्र ही टेंडर जारी किया जाएगा। हालाकिं, इसके बावजूद तालाब के साफ-सफाई और गहरीकरण को लेकर सभी ने सहयोग करने का भरोसा दिया था। एसडीएम कामिनी ठाकुर ने भी सहयोग प्रदान करने की बात कही थी। इस बैठक में मध्यप्रदेश श्रमजीवी पत्रकार को मिले सकारात्मक परिणाम के बाद एक मई से तालाब की सफाई शुरू हुई। अब तक करीब पांच एकड़ से अधिक के हिस्से की झाडिय़ों को नष्ट किया जा चुका है, पंरतु आज जैसे ही तालाब के गहरीकरण के लिए मिट्टी की खुदाई का काम शुरू हुआ। प्रशासनिक अधिकारियों ने हाथ खड़े कर दिए, सीएमओ ने बताया कि पूर्व नगर परिषद अध्यक्ष सुनील जैन और वार्ड क्रंमाक 12 के पूर्व पार्षद प्रतिनिधि महेन्द्र कटारिया शिकायत कर रहे है। एसडीएम के सुर भी बदल गए बैठक में सहयोग का आश्वासन देने वाली एसडीएम अब गहरीकरण के लिए अनुमति लेने की बात करने लगी हैं। हालांकि इस तरह की अनुमति की जरूरत थी, तो पूर्व में हुई बैठक में एसडीएम को इस संबंध में जनप्रतिनिधियों को अवगत कराया जाना चाहिए था।
मछुआरे भी लंबे समय से करते रहे गहरीकरण की मांग।
-नगर के बड़े तालाब के गहरीकरण की मांग करीब 10 साल से की जा रही है।
- मछुआरे भी काफी लंबे समय से मांग कर रहे हैं।
- करीब 4 लाख रुपए की राशि खर्च कर मछली पालन के लिए सफाई का काम करवाया।
- तत्कालीन विधायक केडी देशमुख ने 2 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत करवाई थी।
-इसकी पहली किस्त एक करो? रुपए नगर परिषद के पास रखी हुई है।
- नगर परिषद तालाब का गहरीकरण नहीं करवा पाई।
-नगर परिषद का कहना था कि जल संसाधन विभाग ने तालाब हस्तातंरित नहीं किया है।
- 4 साल में नगर परिषद और जल संसाधन मिलकर स्थानातंरण की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई है।
-इस तालाब के निर्माण के लिए मुख्यमंत्री द्वारा वर्षों पूर्व दो करोड़ रुपये स्वीकृत किया गया था।
- तालाब की सफाई के लिए डीपीआर में लाखो का बजट बनाया गया है।
- खुदाई के लिए 50 लाख का बजट बनाया गया है।
-यह काम जनसहयोग से फुकट में हो रहे हैं तो उक्त प्रशासनिक अधिकारियों को एवं आगामी चुनाव में जनप्रतिनिधि बनने की आकांक्षा रखने वाले नेताओं की नींदे खराब हो गई जिस वजह से ये विकास में रोड़ा बन रहे हैं उक्त दोनों पूर्व जनप्रतिनिधियों पर नगर के नेताओं का अभय प्राप्त है इनके गलत कामो का दंश कटंगी नगर को भोगना पड़ रहा है और आगे भी भोगना पड़ेगा