कान्हा-बांधवगढ़ के बीच खुलेंगे पर्यटन के द्वार, जंगल सफारी के साथ एयर सफारी बढ़ाएगी रोमांच
बालाघाट। कान्हा आने वाले पर्यटकों को बांधवगढ़ जाने के लिए बदहाल सड़कों से सफर नहीं करना पड़ेगा। इन पार्कों के बीच पर्यटन को बढ़ाने के साथ ही जंगल सफारी के साथ एयरी सफारी पर्यटकों का रोमांच दोगुना करेगी। उमरिया व बालाघाट की बिरवा हवाई पट्टी को हवाई रास्ते से जोडऩे) के लिए उत्तराखंड की राजस एयरो स्पोटर््स एंड एडवेंचर कंपनी ने कदम आगे बढ़ाए हैं। एयर सफारी शुरू होने से यहां पर्यटन बड़ेगा, साथ ही रोजगार के अवसर निर्मित होंगे। एयर सफारी से पर्यटक आसमान की बुलंदियों से जायरोकाप्टर से कान्हा व बांधवगढ़ के बीच जंगल की खूबसूरती निहार सकेंगे। वहीं 10 सीटर विमान की सेवा भी जल्द शुरू होगी। सब कुछ ठीक रहा तो अक्टूबर माह में इसकी शुरुआत हो जाएगी।
बिरवा हवाई पट्टी में ये काम करेगी कंपनी
-बिरवा हवाई पट्टी में कंपनी ने भवन बना लिया है।
-वीआइपी लाज और वर्क स्टेशन का काम हो गया है।
-1400 मीटर रनवे में री-कार्पेटिंग होगी।
-एयर हैंगर बनाया जाना है।
ये एडवेंचर एक्टिविटी शुरू होंगी
एयर सफारी के साथ पर्यटक हाट एयर बलून, ओपन काकपिट, लाइट-स्पोर्टस, एयर क्राफ्ट सफारी, एरोबेटिक फ्लाइंग, स्काई ड्राइविंग गतिविधियां शुरू होंगी।
30 साल के लिए लीज पर ली हवाई पट्टी
एयर सफारी दो पार्कों के बीच पर्यटन को संवारने के लिए सेतु का काम करेगी। इसके लिए रजस एयरो स्पोर्टस कंपनी ने 30 साल के लिए उमरिया व बिरवा हवाई पट्टी को लीज पर लिया है।
मुख्य बिंदु
-दो जायरोकाप्टर दो सीटर रहेंगे, जिसमें पायलट के अलावा एक व्यक्ति सवारी कर सकता है।
-150 से दो 200 किमी प्रति घंटे के वेग से यह हवा में उड़ सकता है। लगभग 4400 प्रति व्यक्ति खर्च आएगा।
-यात्री का वजन 120 किलो से अधिक नहीं होना चाहिए।
-540 फीट के रनवे से उड़ान भरेगा जायरोकाप्टर।
-230 हार्स पावर के चार सिलिंडर इंजन लगे हैं।
-जायरोकाप्टर हवा में उडऩे वाली कार है, जो 10 मिनट में थ्री व्हीलर कार बन जाती है।
-जायरोकाप्टर में ईंधन की जगह गैसोलीन का उपयोग किया जाता है।
-पर्यटक एक घंटे में तय कर सकेंगे उमरिया से बिरवा के बीच एयर सफारी।
-जायरोकाप्टर को उड़ान भरने के लिए 540 फीट का रनवे चाहिए।
-उतरने के लिए 100 फीट का रनवे भी पर्याप्त है।
एडवेंचर गतिविधियां भी जल्द
जायरोकाप्टर से एयर सफारी के साथ ही 10 सीटर विमान की सेवा भी यहां शुरू होगी। इसके अलावा अन्य एडवेंचर गतिविधियां भी शुरू होंगी।
-मनीष सैनी, सीईओ, राजस एयरो स्पोर्टस एंड एडवेंचर प्रा.लि.।
वन्यजीवों को नुकसान नहीं
एयर सफारी से वन्यजीवों को कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा। जायरोकाप्टर न्यूनतम 500-700 फीट की ऊंचाई से उड़ेगा। वैसे भी यह किसी पार्क एरिया के कोर जोन से नहीं गुजरेगा। बल्कि बफर के जंगल से एयरी सफारी कर लोग यहां का प्राकृतिक सौंदर्य देखपाएंगे।
- विनायक कुमार, कैप्टन, राजस एयरोस्पोर्टस एंड एडवेंचर प्राइवेट लिमिटेड।