स्वजनों का आरोप अस्पताल में नहीं मिला समय पर डाक्टर मरीज की चली गई जान
बालाघाट, चरेगांव,लामता। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लामता में सोमवार को एक युवक की मौत हो गई।मृतक के स्वजनों ने अस्पताल में डाक्टर नहीं मिलने से युवक की मौत होने का आरोप लगाया है। दरअसल, ग्राम अतरी निवासी प्रदीप पिता संतलाल कुम्हरे की घर में अचानक तबीयत खराब हो जाने पर स्वजनों ने सुबह 11 बजे 108 एंबुलेस की मदद से अस्पताल लेकर आए। लेकिन डाक्टर 20 मिनट बाद आने से इलाज के अभाव में दम तोड़ दिया। ग्रामीणों ने बताया कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लामता में तीन डाक्टर उसके बाद अस्पताल में डाक्टर मौजूद नहीं रहते है। यहां स्टाफ नर्स प्रियंका राहंगडाले और सुनीता ब्रम्हे ही स्वास्थ्य केंद्र को संभालते नजर आती है।
मृतक के पिता संतलाल कुम्हरे ने बताया कि अस्पताल में यदि समय पर डाक्टर मौजूद होते तो मरीज को बचाया जा सकता था या बालाघाट के लिए रेफर कर सकते थे।लेकिन डाक्टर न होने के कारण नर्सों ने इलाज किया। इससे मैं संतुष्ट नहीं हूं। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लामता में लापरवाही का यह पहला मामला नहीं है बल्कि अनेक बार आवाज उठती रही है। डाक्टर और विभाग कोई ध्यान नहीं देते है इससे ऐसा लगता है कुछ समय पहले ही बीएमओ डा. खिलेश ने लामता अस्पताल में पद ग्रहण किया है और व्यवस्थाओं को बारीकी से देख रहे है पर स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर सजग नहीं है।
दो डाक्टर की थी ड्यूटी
बीएमओ थालेश गौपाले का कहना है कि सोमवार को दो डाक्टर की ड्यूटी थी।मरीज की मौत हुई है। इसके बारे में ड्यूटी में जो डाक्टर थे उनसे जानकारी ली जा रही है।
इनका कहना
ग्राम अतरी के एक मरीज को अचानक तबीयत खराब होने पर अस्पताल लाया गया था। इसको चेक करने पर मृत पाया गया है।स्वजनों द्वारा लगाए जा रहे आरोप गलत है। अस्पताल में हमेशा ड्यूटी करते रहते हैं।
डा. अनिल शाक्या, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लामता
इनका कहना
मरीज को लाने पर हमारे द्वारा इलाज चालू कर दिया गया था। मरीज के आने के लगभग 20 मिनट बाद डाक्टर अनिल शाक्या आए।तब तक प्रदीप कुम्हरे की मौत हो चुकी थी।
सुनीता ब्रम्हे,स्टाफ नर्स