तामपान में आई गिरावट, ठंड से बढ़ी ठिठुरन
बालाघाट. जिले में नए वर्ष के साथ ही मौसम में भी बदलाव हुआ है। तामपान में गिरावट आई है। ठंड से ठिठुरन बढऩे लगी है। अधिकतम तापमान जहां 23.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया है। वहीं जिले के बैहर, बिरसा, सूपखार और कान्हा नेशनल पार्क से सटे क्षेत्रों में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। इधर, मंगलवार को आसमान में बदली छाए रहने से किसानों के माथे पर चिंता की लकीरे नजर आ रही है। बदली छाए रहने से दलहनी फसलों को ज्यादा नुकसान होने की संभावना है। मौसम विभाग ने भी 8 जनवरी तक मौसम के साफ व शुष्क रहने की संभावना जताई है।
मंगलवार की सुबह से लेकर शाम तक आसमान में हल्की बदली छाई रही। सर्द हवाओं का दौर चलते रहा। जिसके कारण पूरे दिन ठंड का एहसास होते रहा। ग्रामीण क्षेत्रों में ठंड का अधिक असर देखा गया। लोग ठंड भगाने के लिए अलाव का सहारा लेते रहे। कान्हा नेशनल पार्क और दक्षिण बैहर के क्षेत्र बर्फीली ठंड का एहसास हो रहा है। कान्हा, सूपखार, मुक्की, गढ़ी, किसली, सोनगुड्डा, डाबरी, पाथरी, मलाजखंड, अडोरी, बोदालझोला, खारा, पोलबत्तुर, पित्तकोना सहित वनांचल क्षेत्रों में ठंड कहर बरपा रही है। जिसके कारण ग्रामीणों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
8 तक मौसम रहेगा शुष्क और साफ, बढ़ेगी ठंड
मौसम वैज्ञानिक डॉ. धर्मेन्द्र आगाशे ने बताया कि भारत मौसम विज्ञान विभाग के क्षेत्रीय कार्यालय भोपाल से जिला कृषि मौसम इकाई केंद्र बडग़ांव को प्राप्त जानकारी के अनुसार 4 से 8 जनवरी तक मौसम साफ व शुष्क रहेगा। साथ ही हल्के बादल छाए रहने की सम्भावना है। अधिकतम तापमान 23 से 23.6 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 7.6 से 8.2 डिग्री सेल्सियस रह सकता है। सुबह हवा में 83 से 90 प्रतिशत, दोपहर में 54 से 60 प्रतिशत नमी रहने की संभावना है। आने वाले दिनों में हवा कि गति लगभग 6.9 से 8.5 किलोमीटर प्रति घंटे उत्तर पूर्व से दक्षिण पूर्व दिशा रहने की संभावना है।
किसानों को दी सलाह
मौसम वैज्ञानिक ने बदलते मौसम के चलते किसानों को फसलों के बचाव के लिए सलाह भी दी है। सरसों की फसल में पत्तियों और तनों पर सफेद पाउडर दिखाई देने पर रिडोमिल एमजेड 1.5 ग्राम प्रति लीटर पानी का छिड़काव करें। चूर्णिल आसिता रोग दिखाई देने पर मटर में कैराथेन 1.5 मिली प्रति लीटर पानी या सल्फेक्स 3 ग्राम प्रति लीटर पानी का छिड़काव करें। इसी तरह अरहर की फसल को पॉडफ्लाई और पॉड बोरर से बचाने के लिए प्रोफेनोफॉस 50 / 30 मिली, इंडोक्साकार्ब 15 मिली प्रति लीटर पानी का छिड़काव करें। चने की फसल में फली छेदक कीट के निगरानी के लिए फीरोमोन प्रपंश 3-4 प्रपंश प्रति एकड़ उन खेतों में लगाएं, जहां पौधों में 10-15 प्रतिशत फूल खिल गए हों। टी अक्षर आकार के पक्षी बसेरा खेत के विभिन्न स्थानों पर लगाएं। इसके अलावा अन्य प्रकार की बीमारी नजर आने पर कृषि वैज्ञानिकों से संपर्क करने की भी सलाह दी गई है।