कॉलेज के करीब दो सैकड़ा विद्यार्थी पढ़ाई से हो रहे वंचित

 कॉलेज के करीब दो सैकड़ा विद्यार्थी पढ़ाई से हो रहे वंचित 


बालाघाट. चांगोटोला क्षेत्र के दो सैकड़ा से अधिक कॉलेज के विद्यार्थी पढ़ाई से वंचित हो रहे हैं। ग्रामीण, किसानों के आवश्यक कार्य भी समय पर पूरे नहीं हो रहे हैं। ग्रामीणों को समय पर बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल पा रही है। मामला बालाघाट-नैनपुर के बीच मानकुंवर नदी का पुल बहने से आवागमन अवरुद्ध होने का है। आवागमन के अवरुद्ध होने से ग्रामीणों का सडक़ सम्पर्क टूटा हुआ है। नदी के उस पार के ग्रामीण बालाघाट की ओर नहीं आ पा रहे हैं। जिसमें प्रमुख रुप से कॉलेज और स्कूल के विद्यार्थी शामिल है। जानकारी के अनुसार राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 543 में चांगोटोला और गुडरु के बीच घंघरिया गांव के समीप बहने वाली मानकुंवर नदी का डायवर्जन पुल दो दिन पूर्व पानी में बह गया। जिसके कारण नैनपुर से लेकर बालाघाट के बीच का सडक़ सम्पर्क टूटा हुआ है। इसके पूर्व 2 मई को भी यह पुल बारिश के पानी में बह गया था। अगस्त 2022 में हुई तेज बारिश के कारण मानकुंवर नदी में बाढ़ आ गई थी। जिसकी वजह से मुख्य मार्ग पर बना पुल बहा था। तब से मुख्य मार्ग पर पुल का निर्माण नहीं हो पाया है। आवागमन के लिए डायवर्जन पुल बनाया गया था। जो दो माह में दो बार बह गया है। दो दर्जन से अधिक गांव की आबादी हो रही प्रभावित मानकुंवर नदी का डायवर्जन पुल बह जाने से क्षेत्र की दो दर्जन से अधिक आबादी प्रभावित हो रही है। पुल के बह जाने के कारण ग्रामीण आवागमन नहीं कर पा रहे हैं। खासतौर पर मानकुंवर नदी के उस पार निवास करने वाले गुडरु, घंघरिया, हिरमनटोला, ठाकुरटोला, कुकड़ा, बरखो, सकरी, सेमरटोला, देवसर्रा, पाटादाहा, सोनखार, ग्वारीटोला, पाद्रीगंज, कोटा सहित अन्य गांव के ग्रामीण परेशान हो रहे हैं। इन सभी गांव की 12 हजार से अधिक की आबादी का सडक़ सम्पर्क टूटा हुआ है। ग्रामीणों के इन कार्यों पर पड़ रहा है असर मुख्य मार्ग से आवागमन नहीं होने के चलते ग्रामीणों की स्वास्थ्य सेवाएं, तहसील के कार्य, किसानों को नगदी राशि लेने सहित अन्य कार्य प्रभावित हो रहे हैं। ग्रामीण स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए चांगोटोला, लामता और जिला मुख्यालय के अस्पताल पर निर्भर हैं। इसी तरह राजस्व कार्य के लिए उपतहसील लामता, तहसील बालाघाट पर निर्भर है। किसान नगद राशि के लिए जिला सहकारी बैंक लामता पर आश्रित हैं। कानून से जुड़े कार्य के लिए चांगोटाला थाना पर निर्भर हैं। वहीं मऊ में लगने वाले साप्ताहिक बाजार से भी ग्रामीण कटे हुए हैं। आवागमन के नाम पर ट्रेन की सुविधा ग्रामीणों को आवागमन के नाम पर केवल ट्रेन की सुविधा ही मिल रही है। नैनपुर की ओर से बालाघाट आने के लिए सुबह के वक्त गुडरु स्टेशन से 9.30 बजे और शाम के वक्त 5.40 बजे ट्रेन छुटती है। जबकि वापसी के लिए बालाघाट से सुबह करीब 7 बजे और शाम को 4.40 बजे छुटने वाली ट्रेन है। चौपहिया वाहनों को लगाना पड़ रहा है लंबा फेरा चौपहिया वाहनों को नैनपुर से बालाघाट की ओर आने के लिए लंबा फेरा लगाना पड़ रहा है। वाहन चालक नैनपुर से केवलारी, ऊगली होते हुए चांगोटोला पहुंचते हैं। इस दौरान करीब 50 किमी का अतिरिक्त दूरी तय करना पड़ता है। इसके बाद वे चांगोटोला से बालाघाट की ओर आते हैं। इससे न केवल उनका समय बर्बाद हो रहा है। बल्कि पैसे भी अधिक खर्च हो रहे हैं। इनका कहना है पुल के टूटने से किसानों को काफी परेशानी हो रही है। नगद राशि के लिए सहकारी बैंक लामता जाना पड़ता है। राजस्व संबंधी कार्य नहीं हो पा रहे हैं। दोनों पुल के टूट जाने से आवागमन बंद है। किसान काफी परेशान है। -शिवचरण लिल्हारे, ग्रामीण, घंघरिया डायवर्जन पुल के बहने से अब आवागमन पूरी तरह से बाधित हो गया है। बेहतर उपचार की सुविधा नहीं मिल पा रही है। दो दर्जन से अधिक गांवों के ग्रामीण परेशान है। शासन को स्थायी समाधान करना चाहिए। -महेन्द्र बिसेन, ग्रामीण गुडरु स्कूली और कॉलेज के छात्र-छात्राओं का आवागमन पूरी तरह से बंद हो गया है। दो सैकड़ा से अधिक बच्चे शिक्षा अध्ययन करने के लिए परसवाड़ा कॉलेज नहीं जा पा रहे हैं। शिकायत पर सुनवाई नहीं हो पा रही है। -योगेन्द्र हनुमते, ग्रामीण सकरी दो दर्जन से अधिक ग्रामों की आबादी इससे प्रभावित हो रही है। किसानों, ग्रामीणों के मुख्य कार्य समय पर नहीं हो पा रहे हैं। आवागमन अवरुद्ध होने से ग्रामीण काफी परेशान है। समस्या का स्थायी समाधान होना चाहिए। -प्रमोद ठाकरे, सरपंच, चांगोटोला

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