कैसे स्कूल चलें हम, शिक्षा के मंदिरों की स्थिति दयनीय
बालाघाट. नए शिक्षण सत्र शुरु होने पर भी शालाएं जर्जर हंै। शिक्षा विभाग में 2099 प्राथमिक, 668 माध्यमिक, 84 हाई स्कूल, 54 हायर सेकेंडरी स्कूल संचालित है। सूत्रों के मुताबिक इनमें 15 प्रतिशत से अधिक स्कूल जर्जर अवस्था में है। केवल पांच प्रतिशत स्कूलों में ही सुधार कार्य हो रहे हंै। अकेले प्राथमिक व माध्यमिक की बात करें तो करीब 324 स्कूल ऐसे हैं, जिनमें कक्षाएं लगाना जरा भी मुनासिब नहीं है। बावजूद इसके बच्चों को खतरा मोल लेकर बैठाया जा रहा है। विभागीय अधिकारी भी इस बात को मानते हैं। लेकिन बजट के अभाव में काम नहीं हो पाए हैं।
मामला नंबर 01- 30 बालाघाट 01-
उड़ी छत, नींव भी हुई कमजोर
शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय रामपायली सामने से ठीक दिखाई देता है। लेकिन प्रवेश करने पर हकीकत सामने आती है। स्कूल भवन के कुछ कमरों की छत उड़ गई है। वहीं भवन की नींव भी काफी कमजोर हो गई है। इस कारण गर्मी के दिनों में कुछ एक कमरों की दीवार पीछे से धराशायी हो गई है। यहां एक कमरा भी ऐसा नहीं है। जिसमें पानी न टपकता हो। प्राचार्य नटवर लाल मेश्राम की जानकारी पर डीईओ सहित अन्य अधिकारियों ने हालहि में स्कूल का निरीक्षण किया। लेकिन मरम्मतीकरण नहीं हो पाया है।
मामला नंबर 02- 30 बालाघाट 02-
खंडहर में तब्दील हुआ भवन
रामपायली के ही मरारीटोला का प्राथमिक स्कूल किसी खंडहर से कम नहीं है। करीब दो दशक से अधिक समय पुराना यह भवन डिस्मेंटर की स्थिति में पहुंच चुका है। लेकिन अब तक यहां नए भवन के लिए कार्य प्रारंभ नहीं किए गए हैं। प्रधान पाठक पटले के अनुसार प्राथमिक में यहां करीब डेढ सौ बच्चे शिक्षा अध्यन करते हैं। मैदान में झाडिय़ां उग आई है। शौचालय, पेशाब घर पूरी तरह कबाड़ खाने में तब्दील हो गए हैं। बच्चों को यहां बैठाना गंभीर खतरा मोल लिए जाने जैसा है। लेकिन मजबूरन बच्चों को बैठाया जाएगा।
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