साथी से बिछडकऱ महाराष्ट्र से एमपी पहुंची बाघिन
बालाघाट/किरनापुर। महाराष्ट्र राज्य के नागझीरा वन प्राणी अभ्यारण्य से बिछडकऱ एक बाघिन जिले में पहुंच गई है। वन्य प्राणी बाघिन की किरनापुर वन परिक्षेत्र में बीते कुछ दिनों से लोकेशन मिल रही थी। वहीं बुधवार को किरनापुर के पवार भवन के पास टीवीएस एजेंसी के पीछे खेतों में बाघिन के पगमार्क भी किसानों को दिखाई दिए हैं। खेत मालिक सेवकराम पटले ने वन परिक्षेत्र कार्यालय में जाकर इसकी सूचना दी। वन परिक्षेत्र अधिकारी अमले के साथ मौके पर पहुंचे। जिन्होंने खेत में पगमार्क देखे एवं उनकी फोटोग्राफ्स कैमरे में कैद किए। वन परिक्षेत्र अधिकारी जगतदास खरे ने बताया की पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र के नागझीरा वन अभ्यारण से यह बाघिन बीते 3 माह पूर्व अपने साथी से बिछड़ गई है। जिसने किरनापुर वन परिक्षेत्र के ग्राम नीलागोंदी से परिक्षेत्र में प्रवेश किया। वहीं बाघिन ने ग्राम सीतापार में एक मवेशी का शिकार भी किया गया है। ग्राम कडकऩा में भी बोदा मवेशी पर हमला किया था। लेकिन वह मवेशी जान बचाने नदी की बाढ़ के पानी में कूद गया और बच गया। बाघिन की तलाशी एवं पतासाजी करने महाराष्ट्र राज्य वन परिक्षेत्रों की टीमें पिछलें 15 दिनों से अलग-अलग ग्रुप बनाकर कॉलर आईडी के माध्यम से बाघिन की लोकेशन टे्रस कर रही है। टीम में करीब 15 से 20 कर्मचारी शामिल है।
निगरानी कर रही टीम
अधिकारियों ने बताया कि बाघिन की उम्र करीब 5 वर्ष है। बाघिन ने ग्राम सीतापार में एक मवेशी का शिकार किया हैं। पहले बाघ या बाघिन मवेशी का शिकार कर खून पीते है। इसके बाद अपने भोजन को सुरक्षित स्थान पर छुपाकर पुन: घूम फिर कर वापस जाकर शिकार का भरपेट भोजन करते है। वन्यप्राणी बाघिन को पकडऩे के सवाल पर वन परिक्षेत्र अधिकारी खरे ने बताया कि उसे पकड़ सकते हैं। लेकिन अभी तक वह हिंसक नहीं हुई है। उसे भोजन मिल गया है। एक बार भोजन मिलने के बाद वह आठ-दस दिनों तक बिना खाए रह सकती है। महराष्ट्र राज्य की वन परिक्षेत्र की टीमें लोकेशन के माध्यम से उस पर सतत् निगरानी रखे हुए है।
सावधानी बरतने की अपील
रेंजर खरे ने बताया कि किरनापुर वन परिक्षेत्र से बाघिन ने बिना उपद्रव या तांडव मचाए हट्टा वन परिक्षेत्र में प्रवेश किया है। वन विभाग सघन एवं सतत निगरानी कर रहा है। बाघिन की लोकेशन व वनों से लगे हुए ग्रामों में मुनादी के माध्यम से लोगों को जागरूक कर सतर्क एवं सावधान रहने की सूचना दी जा रही है। वे स्वयं एवं अपने मवेशियों को सुरक्षित रखे।
खेत में परहा लगाने का काम चल रहा है। अधियादार ने आकर बताया कि खेत की पार पर किसी जानवर के पैरों के निशान है। जाकर देखा तो वह बाघ के निशान समझ में आए। वन विभाग को सूचना दी गई। संभवत: बीती रात बारिश रूकने के बाद वह यहां से गई होगी। इस कारण खेतों में उसके पैंरों के निशान बने हुए है। सेवकराम पटले, कृषक किरनापुर
किरनापुर के एक खेत में बाघिन के पगमार्क मिले है। इसके बाद पाला, दहेदी, पिपरटोला में भी पगमार्क मिले है। अब बाघिन केशा, माटे की ओर हट्टा वन परिक्षेत्र में चली गई है। जगतदास खरे, रेंजर दसा. किरनापुर